कुल्लू: फोरलेन के निर्माण में लगी कंपनी ब्यास नदी को गंदा करने का काम कर रही है. निर्माण का मलबा ब्यास नदी के किनारे फेंका जा रहा है. वन विभाग ने इसपर एक्शन लेते हुए एनएचएआई पर साढ़े 12 लाख का जुर्माना लगाया है.
मलबे से गंदी हो रही है ब्यास नदी
12 किलोमीटर लंबे वामतट रामशिला-जिया फोरलेन के निर्माण से निकलने वाला मलबा ब्यास नदी में डाला जा रहा है. नदी के किनारे मिट्टी के ढेर से ब्यास की धारा गंदी हो रही है, वहीं बाढ़ की स्थिति भी बन रही है.
जुर्माने के बाद भी फेंका जा रहा है मलबा
पहली बार किए जुर्माने के बाद भी फोरलेन का निर्माण कर रही कंपनी ब्यास में मिट्टी डालने से पीछे नहीं हट रही है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों की अनदेखी कर रही है.
कई बार नोटिस भेजने के बाद की गई कार्रवाई
वन विभाग कुल्लू के डीएफओ एंजल चौहान ने कहा कि ब्यास नदी में मलबा फेंकने पर कंपनी पर साढ़े बारह लाख रुपये का जुर्माना किया गया है. पहले भी करीब 11 लाख का जुर्माना लगाया गया था. उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर वन विभाग की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को कई बार नोटिस भेजे गए जिसके बाद कार्रवाई की गई.
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