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कुल्लू दशहरा: देवी-देवताओं ने भरी रघुनाथ जी के पास हाजरी, जाहिर की नाराजगी

देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का मुख्य आकर्षण रहने वाले अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ का शिविर भक्तिमय हो उठा है. हालांकि इस बार सिर्फ सात देवी-देवता दशहरा की रस्म निभाने बुलाए गए हैं, लेकिन अभी तक 50 से अधिक देवी-देवताओं ने रघुनाथ के दरबार में पुष्प के रूप में हाजरी भरी है.

Kullu Dussehra Festival 2020
Kullu Dussehra Festival 2020
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Published : Oct 29, 2020, 3:43 PM IST

कुल्लू: देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का मुख्य आकर्षण रहने वाले अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ का शिविर भक्तिमय हो उठा है. हालांकि इस बार सिर्फ सात देवी-देवता दशहरा की रस्म निभाने के लिए बुलाए गए हैं, लेकिन अभी तक 50 से अधिक देवी-देवताओं ने रघुनाथ के दरबार में पुष्प के रूप में हाजिरी भरी है.

देव रथ न आने के कारण देवताओं के फूल यहां लाए जा रहे हैं और रघुनाथ जी से पुष्प के रूप में मिलन हो रहा है, लेकिन कुछ देवी-देवता रथ में सवार होकर यहां पहुंच रहे हैं और रघुनाथ जी से मिलन कर वापस लौट रहे हैं. इसी के साथ जो देवता यहां आ रहे हैं, तो नाराजगी जाहिर कर रहे हैं कि आखिर उन्हें अपनी भूमि पर भी आने से रोका जा रहा है.

वीडियो.

गुरुवार को देवता फलाणी नारायण यहां पहुंचे और रघुनाथ जी, बिजली महादेव व हिडिंबा माता के दर्शन करके वापस लौटे. इस दौरान फलाणी नारायण ने नाराजगी जाहिर की कि उन्हें अपने स्थानों पर आने से भी रोका जा रहा है, जो सही नहीं है.

देवता ने कहा कि यह अठारह करडु की सौह है और रहेगी. इस पर प्रशासन का हस्तक्षेप सहन नहीं होगा. उधर भगवान रघुनाथ जी का शिविर भक्तिमय हो उठा है. सुबह के समय ही भगवान रघुनाथ जी की षोडशोपचार के बाद भव्य श्रृंगार किया जा रहा है और राम-सीता, हनुमान व नरसिंह भगवान ही विधिवत तरीके से पूजा की जा रही है.

यह ऐतिहासिक व पुराण संगत पूजा भगवान राम जी के कारदार अठारह करड़ू के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह और रघुनाथ जी के मंदिर के पुजारियों द्वारा वेद मंत्रों के माध्यम से की जा रही है, उस समय काफी संख्या में ऐतिहासिक मैदान के अस्थायी शिविर में श्रद्धालुओं ने भगवान रघुनाथ के भव्य दर्शन हो रहे हैं.

श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान के भजनों व जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. अस्थायी शिविर में रघुनाथ जी के समक्ष यह सिलसिला शाम तक चल रहा है. पूरे दिन भगवान की सात आरतियां उतारी गईं, जोकि दशहरे से सात दिन तक रोजाना उतारी जाती है.

दन में नरसिंह भगवान द्वारा राजा के अस्थायी शिविर में भोजन किया जाता है और रात को भगवान के शिविर में चंद्राउली नृत्य कुछ विशेष लोगों द्वारा किया जाता है. यह सभी कार्यक्रम या रस्में दशहरे के अंतिम दिन तक इसी प्रकार चलती रहेंगी. दशहरे में पहुंचे देवी देवता भगवान रघुनाथ के शिविर में पहुंच कर शीश नवा रहे हैं.

भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह और पुजारियों द्वारा वेद मंत्रों के साथ की जा रही पूजा में ढालपुर के ऐतिहासिक मैदान में श्रद्धालु अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे है. पूरा ढालपुर मैदान देव वाद्य यंत्रों से थाप से गूंज रहा है. बहरहाल, भगवान रघुनाथ का शिविर भक्तिमय हो उठा है. वहीं, शाम के समय महिलाएं भजन कीर्तन कर रघुनाथ जी के अस्थाई शिविर में भगति का रस पान कर रही है.

पढ़ें: आज अटल टनल में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल, सफल होने पर लाहौल के लिए शुरू होगी बस सेवा

कुल्लू: देवमहाकुंभ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का मुख्य आकर्षण रहने वाले अधिष्ठाता भगवान रघुनाथ का शिविर भक्तिमय हो उठा है. हालांकि इस बार सिर्फ सात देवी-देवता दशहरा की रस्म निभाने के लिए बुलाए गए हैं, लेकिन अभी तक 50 से अधिक देवी-देवताओं ने रघुनाथ के दरबार में पुष्प के रूप में हाजिरी भरी है.

देव रथ न आने के कारण देवताओं के फूल यहां लाए जा रहे हैं और रघुनाथ जी से पुष्प के रूप में मिलन हो रहा है, लेकिन कुछ देवी-देवता रथ में सवार होकर यहां पहुंच रहे हैं और रघुनाथ जी से मिलन कर वापस लौट रहे हैं. इसी के साथ जो देवता यहां आ रहे हैं, तो नाराजगी जाहिर कर रहे हैं कि आखिर उन्हें अपनी भूमि पर भी आने से रोका जा रहा है.

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गुरुवार को देवता फलाणी नारायण यहां पहुंचे और रघुनाथ जी, बिजली महादेव व हिडिंबा माता के दर्शन करके वापस लौटे. इस दौरान फलाणी नारायण ने नाराजगी जाहिर की कि उन्हें अपने स्थानों पर आने से भी रोका जा रहा है, जो सही नहीं है.

देवता ने कहा कि यह अठारह करडु की सौह है और रहेगी. इस पर प्रशासन का हस्तक्षेप सहन नहीं होगा. उधर भगवान रघुनाथ जी का शिविर भक्तिमय हो उठा है. सुबह के समय ही भगवान रघुनाथ जी की षोडशोपचार के बाद भव्य श्रृंगार किया जा रहा है और राम-सीता, हनुमान व नरसिंह भगवान ही विधिवत तरीके से पूजा की जा रही है.

यह ऐतिहासिक व पुराण संगत पूजा भगवान राम जी के कारदार अठारह करड़ू के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह और रघुनाथ जी के मंदिर के पुजारियों द्वारा वेद मंत्रों के माध्यम से की जा रही है, उस समय काफी संख्या में ऐतिहासिक मैदान के अस्थायी शिविर में श्रद्धालुओं ने भगवान रघुनाथ के भव्य दर्शन हो रहे हैं.

श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान के भजनों व जयकारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा. अस्थायी शिविर में रघुनाथ जी के समक्ष यह सिलसिला शाम तक चल रहा है. पूरे दिन भगवान की सात आरतियां उतारी गईं, जोकि दशहरे से सात दिन तक रोजाना उतारी जाती है.

दन में नरसिंह भगवान द्वारा राजा के अस्थायी शिविर में भोजन किया जाता है और रात को भगवान के शिविर में चंद्राउली नृत्य कुछ विशेष लोगों द्वारा किया जाता है. यह सभी कार्यक्रम या रस्में दशहरे के अंतिम दिन तक इसी प्रकार चलती रहेंगी. दशहरे में पहुंचे देवी देवता भगवान रघुनाथ के शिविर में पहुंच कर शीश नवा रहे हैं.

भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह और पुजारियों द्वारा वेद मंत्रों के साथ की जा रही पूजा में ढालपुर के ऐतिहासिक मैदान में श्रद्धालु अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे है. पूरा ढालपुर मैदान देव वाद्य यंत्रों से थाप से गूंज रहा है. बहरहाल, भगवान रघुनाथ का शिविर भक्तिमय हो उठा है. वहीं, शाम के समय महिलाएं भजन कीर्तन कर रघुनाथ जी के अस्थाई शिविर में भगति का रस पान कर रही है.

पढ़ें: आज अटल टनल में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल, सफल होने पर लाहौल के लिए शुरू होगी बस सेवा

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