कुल्लू: कोरोना के दौर में मजदूरों के संकट को कम करने के लिए अब केंद्र सरकार भी आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत उन्हें लाभ देने लगी है. जिसके तहत कुल्लू में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों को 2 माह का राशन व दाल भी वितरित की जा रही है, ताकि सभी मजदूर जिले में निर्माण कार्यों में काम करते रहे.
मजदूरों के खाने का इंतजाम किया
जिले में कोरोना संकट के चलते हजारों मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस दौरान जहां जिला प्रशासन ने उन्हें राशन उपलब्ध कराया. वहीं, कुछ मजदूर वापस अपने-अपने राज्यों में चल गए, लेकिन अब कई विकास कार्यों को अनुमति मिलने के बाद ठेकेदारों को भी मजदूरों की जरूरत पड़ने लगी हैं. ऐसे में विकास कार्य बाधित ना हो उसके लिए प्रवासी मजदूरों के खाने का इंतजाम भी किया जा रहा है.
30 मई तक होंगे प्रमाण पत्र जमा
आत्म निर्भर योजना के तहत मजदूरों की मदद के लिए 1 हजार 20 क्विंटल चावल की खेप खाद्य आपूर्ति विभाग के पास पहुंच गई है. वहीं, जल्द ही काले चने की दाल भी विभाग के पास पहुंच जाएंगे. इस योजना के आने से प्रवासी मजदूरों को 2 माह का चावल व चने की दाल वितरित की जाएगी. प्रवासी मजदूरों को इस योजना के तहत खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए उचित मूल्य की दुकान अथवा संबंधित पंचायत से संपर्क करके आवेदन करना होगा. प्रधान पंचायत, सचिव से एक फार्म भी प्रमाणित करवाना जरूरी होगा. यह प्रमाण पत्र 30 मई तक संबंधित उचित मूल्य दुकानदार के पास जमा किए जाएंगे .उसके बाद इस योजना में शामिल प्रवासी मजदूरों को चावल दाल का वितरण किया जाएगा.
10 हजार 200 को मिलेगा लाभ
जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक पुरुषोत्तम सिंह ने बताया कुल्लू में 10 हजार 200 मजदूर कार्य कर रहे हैं. जिसके लिए विभाग के पास चावल की खेप चुकी है. प्रवासी मजदूरों को प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल और 1 किलो चना दाल प्रति परिवार 2 माह के लिए मुफ्त में प्रदान किया जाएगा. विकास कार्यों ने भी गति पकड़ ली और ऐसे में निर्माण कार्यों के लिए मजदूरों के बीच काफी आवश्यकता पड़ रही हैं. मजदूरों का पलायन ना हो उसके लिए केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना काफी कारगर सिद्ध होगी.
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