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प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन, दी गई अहम जानकारी

भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कुल्लू में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष एवं जिलाधीश डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि कुल्लू में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आम लोगों में जागरुकता बहुत जरूरी है.

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Published : Mar 8, 2020, 10:16 AM IST

mock drill organized in kullu
उपायुक्त कार्यालय में मॉक ड्रिल

कुल्लू: भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कुल्लू में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. अचानक सायरन बजते ही उपायुक्त कार्यालय परिसर, मिनी सचिवालय के अधिकारी और कर्मचारी दफ्तरों से बाहर निकल आए और खुले स्थान पर इकट्ठे हो गए.

सायरन बजते ही जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का पूरा तंत्र सक्रिय हो गया. पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग के वाहन तुरंत उपायुक्त कार्यालय परिसर की ओर रवाना हो गए. होमगार्ड और अग्निशमन विभाग के बचाव दस्ते ने उपायुक्त और एडीएम कार्यालय और मिनी सचिवालय में बचाव कार्य शुरू कर दिए.

mock drill organized in kullu
मॉक ड्रिल में भाग लेते अग्निशमन विभाग के कर्मचारी

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष एवं जिलाधीश डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि भूकंप की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश काफी संवेदनशील है. हाल ही में प्रदेश में कम तीव्रता वाले भूकंप महसूस किए गए हैं. 28 फरवरी को भी कुल्लू में 2.7 तीव्रता का भूकंप आया था. इसलिए कुल्लू में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आम लोगों में जागरुकता बहुत जरूरी है. इससे भूकंप के दौरान जान-माल के नुकसान को काफी कम किया जा सकता है.

मॉक ड्रिल के माध्यम से जहां आपदा से निपटने की हमारी क्षमताओं का आंकलन होता है. वहीं, आपदा प्रबंधन तंत्र में कई कमियों का भी पता चलता है. डॉ. ऋचा ने बताया कि भविष्य में भी इस तरह की मॉक ड्रिल करवाई जाएंगी. जिला के सभी सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में नियमित रूप से भूकंप जागरुकता संबंधी मॉक ड्रिल आयोजित करने और इनकी रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: शिमला-धर्मशाला में स्मार्ट सिटी कार्यो को मिलेगी गति, बजट में सौ करोड़ का प्रावधान

कुल्लू: भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कुल्लू में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. अचानक सायरन बजते ही उपायुक्त कार्यालय परिसर, मिनी सचिवालय के अधिकारी और कर्मचारी दफ्तरों से बाहर निकल आए और खुले स्थान पर इकट्ठे हो गए.

सायरन बजते ही जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का पूरा तंत्र सक्रिय हो गया. पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग के वाहन तुरंत उपायुक्त कार्यालय परिसर की ओर रवाना हो गए. होमगार्ड और अग्निशमन विभाग के बचाव दस्ते ने उपायुक्त और एडीएम कार्यालय और मिनी सचिवालय में बचाव कार्य शुरू कर दिए.

mock drill organized in kullu
मॉक ड्रिल में भाग लेते अग्निशमन विभाग के कर्मचारी

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अध्यक्ष एवं जिलाधीश डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि भूकंप की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश काफी संवेदनशील है. हाल ही में प्रदेश में कम तीव्रता वाले भूकंप महसूस किए गए हैं. 28 फरवरी को भी कुल्लू में 2.7 तीव्रता का भूकंप आया था. इसलिए कुल्लू में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आम लोगों में जागरुकता बहुत जरूरी है. इससे भूकंप के दौरान जान-माल के नुकसान को काफी कम किया जा सकता है.

मॉक ड्रिल के माध्यम से जहां आपदा से निपटने की हमारी क्षमताओं का आंकलन होता है. वहीं, आपदा प्रबंधन तंत्र में कई कमियों का भी पता चलता है. डॉ. ऋचा ने बताया कि भविष्य में भी इस तरह की मॉक ड्रिल करवाई जाएंगी. जिला के सभी सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों में नियमित रूप से भूकंप जागरुकता संबंधी मॉक ड्रिल आयोजित करने और इनकी रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

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