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जब-जब सुखराम ने बदला पाला तब हुआ कुछ ऐसा, महेश्वर बोले- सौभाग्यशाली रहे हैं 'पंडित जी'

पंडित सुखराम ने जब-जब दल बदला है तब-तब वो हमेशा ही सत्ता पक्ष में विजय हुए हैं. अब देखना यह है कि इस लोकसभा चुनाव में आश्रय को अपने दादा सुखराम की राजनीति का कितना लाभ मिलेगा. वहीं, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह का भी कहना है कि पंडित सुखराम को राजनीति का एक लंबा अनुभव है, लेकिन इस अनुभव का आधार लोकसभा चुनाव में जनता ही उन्हें बताएगी.

पूर्व सांसद महेश्वर सिंह
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Published : Mar 30, 2019, 5:31 PM IST

कुल्लूः पंडित सुखराम के कांग्रेस में जाते ही अब लोकसभा चुनाव में राजनीतिक समीकरण भी बदलते नजर आ रहे हैं. पंडित सुखराम को जहां राजनीति का एक लंबा अनुभव है. वहीं, कई नेता भी उन्हीं के द्वारा तैयार की गई पौध हैं जो प्रदेश में मंत्री भी रह चुके हैं.

MAHESHWAR SINGH
पंडित सुखराम (फाइल फोटो)

ऐसे में लोकसभा चुनाव में सुखराम फैक्टर भाजपा को कितना नुकसान करता है, इस बारे में यह तस्वीर आने वाले लोकसभा चुनाव में साफ हो जाएगी, हालांकि भाजपा के नेताओं द्वारा उन्हें दलबदलू भी करार दिया जा रहा है.

MAHESHWAR SINGH
पूर्व सांसद महेश्वर सिंह

गौर रहे कि पंडित सुखराम ने जब-जब दल बदला है तब-तब वो हमेशा ही सत्ता पक्ष में विजय हुए हैं. अब देखना यह है कि इस लोकसभा चुनाव में आश्रय को अपने दादा सुखराम की राजनीति का कितना लाभ मिलेगा. वहीं, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह का भी कहना है कि पंडित सुखराम को राजनीति का एक लंबा अनुभव है, लेकिन इस अनुभव का आधार लोकसभा चुनाव में जनता ही उन्हें बताएगी. पंडित सुखराम ने जब भी दल बदला है तो उनके शिष्यों ने भी हमेशा उनका ही साथ दिया है, तो ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता किसका साथ देती है. ये अभी भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है.

जानकारी देते पूर्व सांसद महेश्वर सिंह

कुल्लूः पंडित सुखराम के कांग्रेस में जाते ही अब लोकसभा चुनाव में राजनीतिक समीकरण भी बदलते नजर आ रहे हैं. पंडित सुखराम को जहां राजनीति का एक लंबा अनुभव है. वहीं, कई नेता भी उन्हीं के द्वारा तैयार की गई पौध हैं जो प्रदेश में मंत्री भी रह चुके हैं.

MAHESHWAR SINGH
पंडित सुखराम (फाइल फोटो)

ऐसे में लोकसभा चुनाव में सुखराम फैक्टर भाजपा को कितना नुकसान करता है, इस बारे में यह तस्वीर आने वाले लोकसभा चुनाव में साफ हो जाएगी, हालांकि भाजपा के नेताओं द्वारा उन्हें दलबदलू भी करार दिया जा रहा है.

MAHESHWAR SINGH
पूर्व सांसद महेश्वर सिंह

गौर रहे कि पंडित सुखराम ने जब-जब दल बदला है तब-तब वो हमेशा ही सत्ता पक्ष में विजय हुए हैं. अब देखना यह है कि इस लोकसभा चुनाव में आश्रय को अपने दादा सुखराम की राजनीति का कितना लाभ मिलेगा. वहीं, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह का भी कहना है कि पंडित सुखराम को राजनीति का एक लंबा अनुभव है, लेकिन इस अनुभव का आधार लोकसभा चुनाव में जनता ही उन्हें बताएगी. पंडित सुखराम ने जब भी दल बदला है तो उनके शिष्यों ने भी हमेशा उनका ही साथ दिया है, तो ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता किसका साथ देती है. ये अभी भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है.

जानकारी देते पूर्व सांसद महेश्वर सिंह
सुखराम को राजनीति का अनुभव, लेकिन जनता बताएगी उसका आधार: महेश्वर
कुल्लू
पंडित सुखराम के कांग्रेस में जाते ही अब लोकसभा चुनावों में राजनीतिक समीकरण भी बदलते नजर आ रहे हैं। पंडित सुखराम को जहां राजनीति का एक लंबा अनुभव है। वहीं कई नेता भी उन्ही के द्वारा तैयार की गई पौध है जो प्रदेश में मंत्री भी रह चुके हैं। ऐसे में लोकसभा चुनावों में सुखराम फैक्टर भाजपा को कितना नुकसान करता है। इस बारे में यह तस्वीर आने वाले लोकसभा चुनावों में साफ हो जाएगी। हालांकि भाजपा के नेताओं द्वारा उन्हें दलबदलू भी करार दिया जा रहा है। लेकिन पंडित सुखराम ने जब भी दल बदला है तो वह हमेशा ही सत्ता पक्ष में विजय हुए हैं। अब देखना यह है कि इस लोकसभा चुनावों में आश्रय को अपने दादा सुखराम की राजनीति का कितना लाभ मिलेगा। 
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वहीं पूर्व सांसद महेश्वर सिंह का भी कहना है कि पंडित सुखराम को राजनीति का एक लंबा अनुभव है। लेकिन इस अनुभव का आधार लोकसभा चुनावों में जनता ही उन्हें बताएगी। पंडित सुखराम ने जब भी दल बदला है तो उनके शिष्यों ने भी हमेशा उनका ही साथ दिया है। तो ऐसे में आने वाले लोकसभा चुनावों में जनता किसका साथ देती है। यह अभी भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है।
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