कुल्लू: लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी ने कुल्लू के मटर की फसल को काफी नुकसान हो रहा है. करीब दो माह से हो रही बारिश भले ही बागवानों के चेहरों पर रौनक ला रही है लेकिन करोड़ों के मटर कारोबार पर संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं. जिससे किसान डरे हुए हैं.
आपको बता दें कि जिला कुल्लू में पिछले माह के बाद फरवरी में भी मौसम खराब है. लगातार बारिश और बर्फबारी के कारण जिला में हालात असामान्य हैं. लेकिन तीन सालों से अच्छी बारिश को तरस रहे बागवान खुश हैं. वहीं, दूसरी ओर मटर की फसल लेने वाले किसानों को फसल बर्बाद होने का डर सता रहा है.
कई किसानों का कहना है कि उन्होंने दिसंबर माह में मटर की फसल की बोआई की थी लेकिन उसके बाद से हो रही बारिश के कारण दाने अंकुरित ही सही तरीके से नहीं हो रहे हैं और जमीन के अंदर ही सड़ रहे हैं. समतल खेतों में पानी के टिकने से पौध सड़न बीमारी की चपेट में भी आने लगे हैं.
किसानों को अलर्ट रहने की सलाह
वैज्ञानिकों ने भी किसानों को अलर्ट रहने को कहा है और पानी को खेतों में ज्यादा न टिकने देने की सलाह दी है. गौर रहे कि मटर की फसल बहुत ज्यादा बारिश और पानी लगातार सहन नहीं कर पाती है और जल्द ही बीमारी की चपेट में आ जाती है.
जिला में हर साल मटर का करोड़ों में कारोबार होता है लेकिन कुछ सालों से मौसमी चुनौती ने फसल को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. करीब 3 साल तक बारिश की कमी के कारण यह फसल जिला में प्रभावित हुई तो इस बार ज्यादा बारिश से अब संकट की स्थिति पैदा हो रही है.
किसानों को किया जा रहा जागरूक
जिला के प्रगतिशील किसानों का कहना है कि अभी स्थिति सामान्य है लेकिन इसी प्रकार बारिश होती रही तो आने वाले दिनों में बीमारियों से फसल को बचाना मुश्किल हो जाएगा. उधर, बजौरा में स्थित जिला कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. केसी शर्मा का कहना है कि किसानों को इस बारे में जागरूक किया जा रहा है और फसल को कैसे बीमारियों से बचाया जाए, इसकी सलाह दी जा रही है.