कुल्लू: किताबों को जीवन में सबसे सच्चा और अच्छा साथी माना जाता है, लेकिन शहर दूर होने और गांव में सुविधा न होने के कारण नौनिहाल ज्ञान का भंडार अपने भीतर समेटने से वंचित रह जाते हैं, लेकिन जिला कुल्लू में एक पहल बच्चों का ज्ञान तो बढ़ा ही रही है साथ ही उनकी मन पसंद की किताबें भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं.
दरअसल कुल्लू जिला मुख्यालय के पास बाशिंग ग्राम पंचायत में लीडर फॉर टुमॉरो और ट्रिपल एस के माध्यम से यहां सामुदायिक पुस्तकालय खोला गया है. इस सामुदायिक पुस्तकालय में बच्चों को फ्री एजुकेशन प्रदान की जाती है.
ग्राम पंचायत वाशिंग में खुले इस सामुदायिक पुस्तकालय में पढ़ने वाली छात्रा वैष्णवी का कहना है कि वो भी यही ख्वाहिश रखती थी कि मुझे भी अच्छी अच्छी किताबें पढ़ने को मिलें, ताकि में भी इन किताबों को पढ़कर भविष्य में देश हित में कार्य कर सकूं, लेकिन कुल्लू शहर दूर होने और मेरा गांव ग्रामीण इलाका होने के चलते यह सब पहले संभव नहीं हो पाता था.
अब जब से हमारे गांव में सामुदायिक पुस्तकालय खुला है तब से मैं और मेरे बाकी साथी रोजाना शाम के समय यहां किताबें पढ़ने के लिए आते हैं और उन किताबों से हमें रोज नया नया सीखने को भी मिल रहा है. इस स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से अब एक महिला लाइब्रेरियन असिस्टेंट को भी नियुक्त किया गया है जो बच्चों को किताबों के माध्यम से ज्ञान प्रदान करती है.
वहीं, इस पुस्तकालय में जहां किताबों के माध्यम से बच्चों का ज्ञान वर्धन तो किया जाता है वहीं, लीडर फॉर टुमॉरो स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से उनके स्किल डेवलॉपमेंट के तहत भी विशेष रूप से प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है. ताकि छात्र ज्ञान के साथ-साथ विशेष कौशल को भी सीख सकें.
ट्रिपल एस संस्था के प्रधान ख्यालुराम का कहना है कि वे साल 1993 से ही इस संस्था के माध्यम से गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए मदद करते आ रहे हैं, लेकिन उनका सपना था कि गांव में ही एक ऐसा पुस्तकालय बने. जहां सभी वर्ग के बच्चे आकर शिक्षा ग्रहण कर सकें.
अब यहां पर एक पुस्तकालय खोला गया है और रोजाना यहां शाम के समय दर्जनों बच्चे पढ़ाई करने के लिए आ रहे हैं. लीडर फॉर टुमॉरो संस्था के माध्यम से यहां नई नई किताबें लाई जा रही हैं ताकि छात्र भविष्य की तैयारियों को करने में सक्षम हो सकें.
लीडर फॉर टुमॉरो के चेयरमैन मनु सिंह का कहना है कि संस्था देशभर में बच्चों के ज्ञान को बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है. संस्था द्वारा बाशिंग में सामुदायिक पुस्तकालय तो खोला ही गया है. वहीं, साथ लगते अन्य 5 गांव में भी बच्चों को पढ़ने के लिए किताबें दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि संस्था का उद्देश्य है कि बच्चों को किताबों से ज्ञान देने के साथ-साथ उनमें कई अन्य प्रकार के गुणों को भी पैदा किया जाए. ताकि वह सभी गुण भविष्य में उनके काम आ सकें.
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