कुल्लू: जिला कुल्लू के खराहल घाटी के बिजली महादेव मंदिर के लिए अब रोपवे निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए 8 कंपनियों के द्वारा निविदाएं भी भरी गई हैं. लेकिन इससे पहले ही अब यह रोपवे विवादों में घिरना शुरू हो गया है. खराहल घाटी के लोगों ने बिजली महादेव के लिए रोपवे निर्माण का विरोध किया है. खराहल घाटी के लोगों की मांगों को देखते हुए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा उपायुक्त कुल्लू के माध्यम से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को ज्ञापन भेजा गया है. जिसमें यह मांग रखी गई है कि बिजली महादेव रोपवे के निर्णय को रद्द किया जाए और इसके बदले खराहल घाटी की सड़कों को चौड़ा किया जाए.
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत ने बताया कि इस रोपवे के बनने से खराहल घाटी को कोई फायदा नहीं होगा. क्योंकि फिर रोपवे के माध्यम से पर्यटक व अन्य श्रद्धालु महादेव मंदिर पहुंचेंगे. जिला कुल्लू के रामशिला से लेकर बिजली महादेव तक जो भी गेस्ट हाउस बने हैं. वह खाली रह जाएंगे और लोगों का कारोबार प्रभावित होगा. उन्होंने कहा कि इस निर्माण कार्य में 200 करोड़ से अधिक राशि खर्च की जा रही है और इससे सिर्फ बड़े-बड़े लोगों व व्यापारियों को ही फायदा होगा. जबकि गरीब परिवारों की रोजी-रोटी प्रभावित होगी.
प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत ने बताया कि यहां पर लोगों ने स्वरोजगार के लिए बैंक से कर्ज लेकर टैक्सी भी ली है और रोपवे बनने से टैक्सी चलना बंद हो जाएगी. जिससे कई लोग बेरोजगार हो जाएंगे. वहीं, ग्रामीणों द्वारा छोटी-छोटी दुकानें और होटल भी खोले गए हैं जो उन्हें रोजगार मुहैया करवाते हैं. उन्होंने कहा कि रोपवे बनने से सब दुकानें बंद हो जाएंगी और लोगों को अपनी रोजी रोटी के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में केंद्रीय मंत्री से अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और खराहल घाटी के लोगों द्वारा आग्रह किया गया है कि रोपवे निर्माण कार्य को रद्द किया जाए और खराहल घाटी की सड़कों को चौड़ा किया जाए, ताकि सड़कों के माध्यम से पर्यटक बिजली महादेव पहुंच सकें और पूरी खराहल घाटी में लोगों को पर्यटन के माध्यम से रोजगार भी मिल सके.
वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व सरकार से मांग रखी कि 4 मई तक इस पर फैसला लिया जाए, ताकि खराहल घाटी के लोगों का रोजगार चलता रहे. अगर इस पर निर्णय नहीं लिया गया तो खराहल घाटी के लोग रोपवे निर्माण के विरोध में आंदोलन करेंगे. खराहल घाटी के लोगों ने उम्मीद जताई है कि सरकार उनके पक्ष में सोचसमझ कर ही आगामी निर्णय लेगी.