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कुल्लू और मंडी में JBT प्रशिक्षुओं का प्रदर्शन, बोले: हमारा हक छीना जा रहा है - हिमाचल जेबीटी न्यूज़

हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू और मंडी में जेबीटी शिक्षकों के द्वारा के धरना प्रदर्शन किया गया. जेबीटी प्रशिक्षुओं का कहना है कि हिमाचल में जेबीटी प्रशिक्षुओं के लिए अलग से सरकार की ओर से सरकारी और निजी सरकारी संस्थान खोले गए हैं, तो बीएड डिग्री धारकों को कैसे JBT के लिए पात्र किया जा रहा है. पढ़ें पूरा मामला...

JBT trainees Protest in Kullu and Mandi
कुल्लू और मंडी में जेबीटी प्रशिक्षुओं का प्रदर्शन.
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Published : Mar 13, 2023, 3:04 PM IST

कुल्लू में जेबीटी प्रशिक्षुओं का प्रदर्शन.

कुल्लू/मंडी: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में जेबीटी शिक्षकों के द्वारा के धरना प्रदर्शन किया गया तो वहीं, डीसी कार्यालय के बाहर नारेबाजी की. इस दौरान जेबीटी प्रशिक्षुओं ने प्रदेश सरकार से मांग रखी कि बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी के कोटे से बाहर किया जाए. जेबीटी प्रशिक्षु सुनील का कहना है कि B.Ed डिग्री धारकों के पास ना तो TET की परीक्षा पास है और शिक्षा विभाग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार उन्हें जेबीटी के लिए पात्र भी नहीं माना गया है. उनका कहना है कि हिमाचल में जेबीटी प्रशिक्षुओं के लिए अलग से सरकार की ओर से सरकारी और निजी सरकारी संस्थान खोले गए हैं, तो बीएड डिग्री धारकों को कैसे जेबीटी के लिए पात्र किया जा रहा है.

वहीं, हर साल लगभग 5000 से ज्यादा युवा जेबीटी की ट्रेनिंग लेते हैं और बीएड और जेबीटी डिग्री धारक दोनों की न्यूनतम योग्यता भी अलग-अलग है. उन्होंने कहा कि जेबीटी टेट में बीएड को लाने से जेबीटी/डीएलएड के हक को छीना जा रहा है. जहां प्रदेश में तीन हजार से अधिक प्राइमरी स्कूल मात्र एक अध्यापक के सहारे चल रहे हैं और प्रदेश में बेरोजगारी अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं. ऐसे में इस तरह के फैसले जेबीटी/डीएलएड डिप्लोमा धारकों के लिए तो बिलकुल भी राहत भरे नहीं हैं. सुनील ने कहा कि JBT प्रशिक्षु इस तरह के फैसले को बिलकुल भी सहन नहीं करेंगे और प्रदेश सरकार को भी इस दिशा में ध्यान देना होगा, ताकि हजारों जेबीटी प्रशिक्षुओं को राहत मिल सके.

इसी कड़ी में जिला मंडी में जेबीटी/डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने जेबीटी की बैचवाइज भर्ती में बीएड डिग्रीधारकों को शामिल करने पर कड़ी आपत्ति जाहीर की है. आज मंडी जिले के जेबीटी/डीएलएड प्रशिक्षत बेरोजगारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम मंडी के माध्यम से इस संदर्भ में अपना एक ज्ञापन प्रदेश के शिक्षा मंत्री को भेजा और भर्ती प्रक्रिया से बीएड डिग्री धारकों को बाहर करने की मांग उठाई.

JBT trainees Protest in Kullu and Mandi
जेबीटी/डीएलएड प्रशिक्षत बेरोजगारों का प्रतिनिधिमंडल एडीएम मंडी को ज्ञापन देते हुए.

बेरोजगार संघ के जिलाध्यक्ष सबीर खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जेबीटी की भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को शामिल करने का मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. जब तक अंतिम निर्णय नहीं आता तब तक बीएड वालों को JBT की भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जा सकता. इन्होंने शिक्षा मंत्री से मांग उठाई है कि जेबीटी की बैचवाइज भर्ती को पुराने आरएंडपी रूल्स के तहत ही किया जाए और जिस पद के लिए जिस डिग्री की पात्रता रखी गई है, उसके लिए उसी डिग्री धारक को इसमें शामिल किया जाए. इनका कहना है कि अगर जेबीटी की भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को ही शामिल करना है तो फिर जेबीटी का कोर्स क्यों करवाया गया. यह बेरोजगारों के साथ सरासर खिलवाड़ है. वहीं, इन्होंने अगले कल यानी 14 मार्च को मंडी जिला में एक विशाल धरना प्रदर्शन और रोष रैली निकालने का निर्णय भी लिया है.

ये भी पढ़ें- फूलों की खुशबू से महकी धौलाधार की वादियां, कश्मीर का एहसास करवा रहा पालमपुर का Tulip Garden

कुल्लू में जेबीटी प्रशिक्षुओं का प्रदर्शन.

कुल्लू/मंडी: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में जेबीटी शिक्षकों के द्वारा के धरना प्रदर्शन किया गया तो वहीं, डीसी कार्यालय के बाहर नारेबाजी की. इस दौरान जेबीटी प्रशिक्षुओं ने प्रदेश सरकार से मांग रखी कि बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी के कोटे से बाहर किया जाए. जेबीटी प्रशिक्षु सुनील का कहना है कि B.Ed डिग्री धारकों के पास ना तो TET की परीक्षा पास है और शिक्षा विभाग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार उन्हें जेबीटी के लिए पात्र भी नहीं माना गया है. उनका कहना है कि हिमाचल में जेबीटी प्रशिक्षुओं के लिए अलग से सरकार की ओर से सरकारी और निजी सरकारी संस्थान खोले गए हैं, तो बीएड डिग्री धारकों को कैसे जेबीटी के लिए पात्र किया जा रहा है.

वहीं, हर साल लगभग 5000 से ज्यादा युवा जेबीटी की ट्रेनिंग लेते हैं और बीएड और जेबीटी डिग्री धारक दोनों की न्यूनतम योग्यता भी अलग-अलग है. उन्होंने कहा कि जेबीटी टेट में बीएड को लाने से जेबीटी/डीएलएड के हक को छीना जा रहा है. जहां प्रदेश में तीन हजार से अधिक प्राइमरी स्कूल मात्र एक अध्यापक के सहारे चल रहे हैं और प्रदेश में बेरोजगारी अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं. ऐसे में इस तरह के फैसले जेबीटी/डीएलएड डिप्लोमा धारकों के लिए तो बिलकुल भी राहत भरे नहीं हैं. सुनील ने कहा कि JBT प्रशिक्षु इस तरह के फैसले को बिलकुल भी सहन नहीं करेंगे और प्रदेश सरकार को भी इस दिशा में ध्यान देना होगा, ताकि हजारों जेबीटी प्रशिक्षुओं को राहत मिल सके.

इसी कड़ी में जिला मंडी में जेबीटी/डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने जेबीटी की बैचवाइज भर्ती में बीएड डिग्रीधारकों को शामिल करने पर कड़ी आपत्ति जाहीर की है. आज मंडी जिले के जेबीटी/डीएलएड प्रशिक्षत बेरोजगारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम मंडी के माध्यम से इस संदर्भ में अपना एक ज्ञापन प्रदेश के शिक्षा मंत्री को भेजा और भर्ती प्रक्रिया से बीएड डिग्री धारकों को बाहर करने की मांग उठाई.

JBT trainees Protest in Kullu and Mandi
जेबीटी/डीएलएड प्रशिक्षत बेरोजगारों का प्रतिनिधिमंडल एडीएम मंडी को ज्ञापन देते हुए.

बेरोजगार संघ के जिलाध्यक्ष सबीर खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जेबीटी की भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को शामिल करने का मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. जब तक अंतिम निर्णय नहीं आता तब तक बीएड वालों को JBT की भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जा सकता. इन्होंने शिक्षा मंत्री से मांग उठाई है कि जेबीटी की बैचवाइज भर्ती को पुराने आरएंडपी रूल्स के तहत ही किया जाए और जिस पद के लिए जिस डिग्री की पात्रता रखी गई है, उसके लिए उसी डिग्री धारक को इसमें शामिल किया जाए. इनका कहना है कि अगर जेबीटी की भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को ही शामिल करना है तो फिर जेबीटी का कोर्स क्यों करवाया गया. यह बेरोजगारों के साथ सरासर खिलवाड़ है. वहीं, इन्होंने अगले कल यानी 14 मार्च को मंडी जिला में एक विशाल धरना प्रदर्शन और रोष रैली निकालने का निर्णय भी लिया है.

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