कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर मैदान में जहां अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है. वहीं, दशहरा उत्सव में 300 देवी देवता भाग लेने के लिए पहुंचे हैं. सभी देवी देवताओं के अस्थाई शिविर में सुबह-शाम विशेष पूजा अर्चना की जा रही है तो वहीं, दशहरा उत्सव के प्रमुख भगवान रघुनाथ भी अपने अस्थाई शिविर में हजारों भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर में उनकी पूजा पद्धति का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है और दिन में चार बार भगवान रघुनाथ की पूजा की जा रही है. भगवान रघुनाथ का सुबह शाही स्नान के बाद शिंगार करके विधि विधान से पूजा की जा रही है. वहीं, हर दिन भगवान रघुनाथ को दिन के आधार पर नए वस्त्र भी पहनाए जा रहे हैं.
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भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ी बरदार महेश्वर सिंह इस विशेष पूजा में शामिल होते हैं. भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर में सुबह 7:30 बजे पहले पूजा होती है. दिन में 11:00 बजे भगवान रघुनाथ की पूजा की जाती है और दोपहर बाद 4:00 बजे आरती तथा रात 7:00 बजे फिर से पूजा की जाती है. भगवान रघुनाथ को हर दिन के हिसाब से वस्त्र भी बनाए जाते हैं. ऐसे में सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, वीरवार को पीला, शुक्रवार को सफेद, शनिवार को नीला तथा रविवार को लाल रंग के वस्त्र पहनाए जाते हैं. शाम की आरती के समय भगवान रघुनाथ, माता सीता और हनुमान जी के दर्शन भी सभी श्रद्धालुओं को करवाए जाते हैं. ऐसे में देव महाकुंभ में भगवान रघुनाथ का अस्थाई शिविर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और यहां पर सुबह-शाम के समय महिलाओं के द्वारा भजन कीर्तन भी किया जा रहा है.
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भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ी बरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि भगवान रघुनाथ की अपने मंदिर में भी विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है और दशहरा उत्सव में भी इसी परंपरा को निभाया जाता है. ऐसे में हजारों लोगों को रोजाना भगवान रघुनाथ के दर्शन भी हो रहे हैं और शिविर में प्रसाद की व्यवस्था भी की गई है. दशहरा उत्सव भगवान रघुनाथ को समर्पित है और सैकड़ो देवी देवता भी अस्थाई शिविर में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दे रहे हैं.