कुल्लू: अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दौरान ढालपुर मैदान से देवी-देवताओं के अस्थाई शिविरों को हटाने का मामला अब गरमा गया है. बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी भी अब देवी-देवताओं के पक्ष में उतर आए हैं. विधायक सुरेंद्र शौरी ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार इस तरह के फैसले लेकर देव संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास कर रही है. जबकि कुल्लू दशहरा उत्सव की शान ही देवी-देवता हैं.
देवी-देवताओं को हटाने पर विधायक का गुस्सा: बंजार के विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि देवी-देवताओं को लेकर प्रदेश सरकार को सोच-समझ कर फैसला लेना चाहिए, वरना उन्हें जनता के गुस्से का शिकार बनना पड़ेगा. वहीं, विधायक ने तहसीलदार कुल्लू के खिलाफ भी विधानसभा में विशेष प्रस्ताव लाने की बात कही. सुरेंद्र शौरी ने कहा कि जिला प्रशासन और कुल्लू दशहरा कमेटी को अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव से पहले ही इसे लेकर फैसला लेना चाहिए था, लेकिन अब जब यह देवी-देवता ढालपुर मैदान में आए हैं तो इन्हें इस तरह यहां से नहीं हटाना चाहिए.
प्रदेश सरकार को दी धरना-प्रदर्शन की चेतावनी: विधायक सुरेंद्र शौरी ने बताया कि हर साल यह देवी-देवता इसी जगह पर बैठते हैं और देवी-देवताओं के इस जगह पर बैठने से किसी को कोई आपत्ति भी नहीं है. प्रशासन द्वारा ही इन्हें टेंट व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती रही हैं. फिर इस साल इस तरह का भेदभाव क्यों किया जा रहा है. विधायक सुरेंद्र शौरी ने बताया कि जब उन्होंने इस मामले को लेकर तहसीलदार कुल्लू से बात की, तो तहसीलदार ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. जिसके चलते अब तहसीलदार के खिलाफ विधानसभा में विशेष प्रस्ताव भी लाएंगे. विधायक सुरेंद्र शौरी जिला प्रशासन, कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर देवता के साथ आए हरियानों के साथ इस तरह की जबरदस्ती की गई और उन्हें यहां से हटाया गया, तो वह प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना देने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
देवता के आदेश पर लौटे हरियान: वहीं, देवता के साथ आए हरियान खूब राम ने बताया कि जिला प्रशासन के आदेश के बाद वह यहां से देवता को लेकर वापस चले गए थे, लेकिन देवता ने उन्हें फिर से ढालपुर मैदान में आने का आदेश दिया और वह ढालपुर मैदान में फिर से बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि ना तो यहां पर प्रशासन उनकी बात को सुन रहा है और ना ही उनकी कोई मदद की जा रही है. जिस कारण देवता के साथ आए हरियानो को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सरवरी पार्क में दी जगह: वहीं, एडीएम कुल्लू अश्विनी कुमार ने का कहना है कि कुल्लू दशहरा उत्सव कमेटी और कारदार संघ की बैठक में यह तय किया गया है कि जो देवी-देवता बिना निमंत्रण के दशहरा उत्सव में आते हैं, उन्हें सरवरी पार्क में बैठने के लिए जगह दी जाएगी. ऐसे में इन सभी देवी-देवताओं के हरियानो को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह ढालपुर से सरवरी पार्क में शिफ्ट हो जाएं. वहां पर भी प्रशासन की ओर से उन्हें सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी.
क्या है सारा मामला: गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव 24 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक आयोजित किया गया है. दशहरा उत्सव शुरू होने पर सैंकड़ों देवी-देवता कुल्लू के ढालपुर मैदान पहुंचे. इस दौरान कई देवी-देवता ऐसे भी थे, जिन्हें जिला प्रशासन और कुल्लू दशहरा उत्सव कमेटी ने आमंत्रित नहीं किया था. ऐसे में जब इन देवी-देवताओं के हरियानों ने दशहरा उत्सव में पहुंचने पर ढालपुर मैदान में देवताओं के अस्थाई शिविर बनाए गए, तो दशहरा उत्सव कमेटी और जिला प्रशासन द्वारा ये शिविर हटा दिए गए और उन्हें निर्देश दिए गए कि वह सभी सरवरी पार्क में ठहरें. उनके लिए व्यवस्था सरवरी पार्क में की गई है. जबकि ढालपुर में सिर्फ आमंत्रित देवी-देवताओं के शिविर होंगे. जबकि देवी-देवताओं के हरियानों का कहना है कि उन्हें देवता से आदेश प्राप्त हुआ है कि उनका अस्थाई शिविर ढालपुर मैदान में ही होगा. जिस पर देवी-देवताओं के हरकानों में जिला प्रशासन और कुल्लू दशहरा उत्सव कमेटी के प्रति गहरा रोष है. वहीं, अब इस मामले में राजनीति रंग चढ़ना भी शुरू हो गया है.
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