कुल्लू: कोरोना के खिलाफ जंग में कुल्लू प्रशासन के कई अधिकारी दिन-रात मोर्चे पर डटे हुए हैं. वहीं, कुछ महिला अधिकारियों ने ना सिर्फ पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपना फर्ज निभाया, बल्कि घर की जिम्मेदारियों को भी उठाया. कोरोना काल में कुल्लू जिला की कमान एक महिला आईएएस अधिकारी डॉक्टर ऋचा वर्मा के हाथ में है. कोरोना काल में इन्होंने अपने कुशल नेतृत्व का लोहा मनवाया है. घर से दफ्तर की जिम्मेदारी निभाते हुए ये कभी कमजोर नहीं पड़ी. दिन-रात फॉलोअप के लिए जिला भर के अधिकारियों से संपर्क में रहती थीं. कोरोना कर्फ्यू ऋचा के लिए काफी चुनौतियों से भरा हुआ था
डीसी कुल्लू के सामने सबसे बड़ी चुनौती कुल्लू में फंसे हुए पर्यटकों और बाहरी राज्यों में फंसे हुए कुल्लू के लोगों को घर वापस पहुंचाने की थी. उन्होंने क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था की और बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को सेंटर में बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाकर उनके सैंपल लेने की प्रक्रिया भी शुरू की. कोरोना काल में उनका ढ़ाई साल का बेटा अजितेश उनके लिए हिम्मत बनकर आया. ऋचा वर्मा जब भी अपने घर काम से थकी हारी आती थी, तो अपने बेटे के मुस्कुराते हुए चेहरे को देखते ही सारी परेशानियों को भूल जाती थी. सारी चुनौतियां मानो बच्चे की मुस्कान के आगे छोटी पड़ गई हो.
काम के साथ साथ ऋचा को अपने बेटे की चिंता भी सताती थी. एक तरफ डॉ ऋचा वर्मा मां अपना कर्तव्य पूरा कर रही थी, तो वहीं, बेटा अपनी मां के इंतजार में घर पर अकेला होता था, लेकिन अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा रखते हुए उन्होंने अपने काम और परिवार में बेहतर तालमेल बनाया. ऋचा ने कुल्लू में फंसे हुए सभी लोगों को सकुशल अपने घर पहुंचाने के लिए कमान संभाली और बाहरी राज्यों में फंसे लोगों की भी घर वापसी हुई.
बता दें कि एक और कोरोना योद्धा ने महामारी में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई. बीडीओ कुल्लू डॉ जयवंती ठाकुर ने. इनके सामने भी पंचायत स्तर पर लोगों के रहने की व्यवस्था करना काफी चुनौतियां से भरा रहा. उनके पति डॉ. विकास डोगरा आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज कर रहे थे. दोनों रोजाना अपने अपने कार्यस्थल की ओर निकल जाते, लेकिन क्वारंटाइन के वजह से उन्हें भी आपस में मिल नहीं पाते थे. उन्हें अलग अलग रहना पड़ता था.
महिलाओं ने मौका आने पर ये साबित किया है कि वो किसी से कम नहीं हैं और समय आने पर खुद को साबित कर सकती हैं. घर का चूल्हा चौंका भी संभाल सकती हैं आसमान में फाइटर जेट उड़ा सकती है. देश की प्रधानमंत्री से राष्ट्रपति तक बन सकती हैं और किसी भी स्थिति से निपटने का साहस रखती हैं.