कुल्लू: 1 फरवरी को केंद्र सरकार बजट पेश करेगी. सभी की निगाहें बजट की ओर टिकी हुई हैं. देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले किसान भी अपने लिए राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
आर्थिक तौर पर सशक्त हों किसान
हिमाचल प्रदेश में भी लाखों किसान-बागवान देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में अपना सहयोग देते हैं. जिला कुल्लू में भी किसान- बागवानों ने केंद्रीय बजट में उनके विकास के लिए बेहतर ढांचा बनाने की मांग रखी है. ताकि वे खेतीबाड़ी के माध्यम से खुद को आर्थिक तौर पर सशक्त कर सकें.
बेहतर सड़क के लिए मिले बजट
कुल्लू के किसान-बागवानों का कहना है कि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है. यहां की सड़कें भी कृषि और बागवानी विकास में अपना अहम योगदान देती हैं. केंद्रीय बजट में सड़कों की हालत को भी बेहतर करने का विकल्प होना चाहिए, क्योंकि सड़कों की खराब हालत के चलते किसान-बागवानों की आधी कमाई तो ढुलाई में ही खर्च हो जाती है. किसान-बागवानों का कहना है कि कीटनाशकों पर केंद्र सरकार को सब्सिडी जारी रखनी चाहिए, ताकि किसान अपनी फसल को बीमारियों से बचा सकें.
हिमाचल की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखा जाए
वहीं, हर खेत तक पानी पहुंचने के लिए भी हिमाचल की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाना चाहिए. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार को अपने बजट में उच्च कोटि के बीज और खाद पर भी किसानों को सब्सिडी उपलब्ध करवाने के लिए बजट का प्रावधान करना चहिए. साथ ही कृषि के लिए इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों पर भी सब्सिडी बंद नहीं करनी चहिए.
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