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कोरोना ने बिठाया HRTC का 'भट्टा', लाखों कमाने वाला कुल्लू डिपो हुआ कंगाल

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Published : Jun 8, 2020, 3:45 PM IST

प्रदेश में पथ परिवाहन निगम की सबसे ज्यादा जेब भरने वाला कुल्लू डिपो कोरोना वायरस के कारण इन दिनों घाटे में चल रहा है. लाखों कमाने वाला डिपों अब 50 से 70 हजार रुपये के बीच ही सिमट कर रह गया है.

huge loss to HRTC because of Corona virus
कोरोना ने बिठाया HRTC का 'भट्टा'

कुल्लू: हिमाचल पथ परिवहन निगम का कुल्लू डिपो इन दिनों संकट में आ गया है. लॉकडाउन के शुरू होने से पहले जहां कुल्लू डिपो की कमाई 9 से 10 लाख रुपये प्रतिदिन थी, वह अब घटकर 50 से 70 हजार रुपये के बीच रह गई है. जिसके चलते निगम को हर रोज लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

कुल्लू के मुख्यालय सरवरी स्थित हिमाचल पथ परिवहन निगम के डिपो से जहां रोजाना जिला के विभिन्न रूटों पर 240 बसें भेजी जाती थी. वह घटकर सिर्फ 10 से 15 ही रह गई है. इन दिनों सभी रूटों पर बसें भेजी जाती है, लेकिन कभी-कभी सवारिया ना होने के चलते रूट की संख्या 10 भी पूरी नहीं हो पा रही है.

निगम के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक कुल्लू डिपो की एक दिन की कमाई कोरोना से पहले 10 लाख रुपये तक थी. जिस कारण कुल्लू डिपो प्रदेश में सबसे अधिक कमाई वाले डिपो में शुमार था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इसकी कमाई पर भी ग्रहण लग गया है. आज हालात यह है कि कुछ रुट पर निगम की बस रवाना तो होती है, लेकिन कमाई 500 रुपये भी नहीं हो रही है. जबकि बस में तेल का खर्च 1500 रुपये से अधिक है.

वीडियो रिपोर्ट

वहीं, जिला कुल्लू में इन दिनों पर्यटन सीजन भी चरम पर होता था और निगम की बसों में भी एडवांस बुकिंग होती थी. पर्यटन कारोबार से भी निगम को करोड़ों रुपये का मुनाफा होता था. कोरोना के चलते कुल्लू का पर्यटन कारोबार भी इस साल ध्वस्त हो चुका है. इसका बुरा असर परिवहन निगम पर भी देखने को मिल रहा है.

अब आलम यह है कि सवारियां ना मिलने से एचआरटीसी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना का डर लोगों के दिलों में इतना फैला हुआ है कि बस सुविधा शुरू करने के बाद भी लोग बस में सफर करने का जोखिम नहीं उठा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: कोरोना के चलते माता बगलामुखी मंदिर में पसरा सन्नाटा, पूरा साल श्रद्धालुओं से रहती थी रौनक

कुल्लू: हिमाचल पथ परिवहन निगम का कुल्लू डिपो इन दिनों संकट में आ गया है. लॉकडाउन के शुरू होने से पहले जहां कुल्लू डिपो की कमाई 9 से 10 लाख रुपये प्रतिदिन थी, वह अब घटकर 50 से 70 हजार रुपये के बीच रह गई है. जिसके चलते निगम को हर रोज लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

कुल्लू के मुख्यालय सरवरी स्थित हिमाचल पथ परिवहन निगम के डिपो से जहां रोजाना जिला के विभिन्न रूटों पर 240 बसें भेजी जाती थी. वह घटकर सिर्फ 10 से 15 ही रह गई है. इन दिनों सभी रूटों पर बसें भेजी जाती है, लेकिन कभी-कभी सवारिया ना होने के चलते रूट की संख्या 10 भी पूरी नहीं हो पा रही है.

निगम के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक कुल्लू डिपो की एक दिन की कमाई कोरोना से पहले 10 लाख रुपये तक थी. जिस कारण कुल्लू डिपो प्रदेश में सबसे अधिक कमाई वाले डिपो में शुमार था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते इसकी कमाई पर भी ग्रहण लग गया है. आज हालात यह है कि कुछ रुट पर निगम की बस रवाना तो होती है, लेकिन कमाई 500 रुपये भी नहीं हो रही है. जबकि बस में तेल का खर्च 1500 रुपये से अधिक है.

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वहीं, जिला कुल्लू में इन दिनों पर्यटन सीजन भी चरम पर होता था और निगम की बसों में भी एडवांस बुकिंग होती थी. पर्यटन कारोबार से भी निगम को करोड़ों रुपये का मुनाफा होता था. कोरोना के चलते कुल्लू का पर्यटन कारोबार भी इस साल ध्वस्त हो चुका है. इसका बुरा असर परिवहन निगम पर भी देखने को मिल रहा है.

अब आलम यह है कि सवारियां ना मिलने से एचआरटीसी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना का डर लोगों के दिलों में इतना फैला हुआ है कि बस सुविधा शुरू करने के बाद भी लोग बस में सफर करने का जोखिम नहीं उठा रहे हैं.

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