कुल्लू: देश में लोकसभा चुनाव के चलते सभी प्रत्याशियों ने जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से बैठकर करनी शुरू कर दी है. जनता ने भी अब प्रत्याशियों से पिछले 5 साल के कार्यों का हिसाब मांगना शुरू कर दिया है. पर्यटन नगरी मनाली के आदर्श गांव मनाली में भी ईटीवी भारत ने जनता की राय सुनी. टीम जब आदर्श गांव मनाली पहुंची तो वहां वाहनों का जाम लगा हुआ था और पर्यटक घंटो जाम में फंसे हुए थे. जब टीम गांव में पहुंची तो रास्तों के किनारे बनी नालियों की दशा भी कुछ ठीक नहीं थी.
हालांकि गांव में विदेशी पर्यटकों सहित बाहरी राज्यों से भी दर्जनों पर्यटकों का आना जाना लगा हुआ था, लेकिन तंग गलियों व खराब सड़क उनके मनोरंजन में बाधा बनी हुई थी. गौर रहे कि मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने आदर्श गांव योजना के तहत मनाली गांव को गोद लिया था. सांसद ने ग्रामीणों से यह वादा किया था कि गांव में जो सीवरेज की कमी है उसे जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा. गांव में पीने के पानी की उचित व्यवस्था भी की जाएगी. सांसद ने ग्रामीणों को यह भी आश्वासन दिया था कि मनाली गांव के प्रवेश द्वार पर एक बड़े भव्य गेट की स्थापना की जाएगी और मनाली गांव के बीच में स्थित मनु ऋषि के मंदिर में भी मनुआलय नाम से एक लाइब्रेरी बनाने का भी विचार रखा था. 5 साल बीत जाने के बाद गांव के कुछ गलियां पक्की तो हुई, लेकिन बाकी सभी बातें आज भी अधर में लटके हुए हैं.
मनाली गांव के स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सांसद यहां आते तो रहे लेकिन वह सिर्फ आश्वासन ही देते रहे. सांसद द्वारा गांव में तुलसी के पौधे तो बांटे गए, लेकिन सीवरेज की व्यवस्था, पार्किंग की व्यवस्था, पानी की उचित व्यवस्था सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं देने का वादा आज तक पूरा नहीं कर पाए. स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्यटन नगरी मनाली का मनाली गांव पहले से ही देश विदेश के पर्यटकों का आकर्षण केंद्र बना हुआ है. सांसद द्वारा किए गए वादों से उन्हें लगा था कि यह जल्द से जल्द एक आदर्श गांव बन कर उभरेगा, लेकिन अब सांसद का कार्यकाल खत्म भी हो गया और वह सब वादे जस के तस बने हुए हैं.
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