कुल्लू: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा के नाम से जाना जाता है. इस बार 14 नवंबर यानी आज गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाएगा. हालांकि प्रतिपदा तिथि का शुभारंभ 13 नवंबर सोमवार को दोपहर 2:56 हो रहा है और इसका समापन 14 नवंबर मंगलवार को दोपहर 2:36 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा का पर्व 14 नवंबर को मनाया जाएगा.
क्यों मनाया जाता है गोवर्धन पूजा त्योहार: धार्मिक शास्त्रों के अनुसार गोवर्धन पूजा के त्योहार को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस त्योहार का संबंध भगवान कृष्ण से है. शास्त्रों के अनुसार जब देवराज इंद्र के स्थान पर ब्रजवासियों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की तो देवराज इंद्र क्रोधित हो गए और उन्हें आंधी-बारिश से गोकुल पर कहर बरपाना शुरू कर दिया था.
छोटी उंगली पर उठाया गोवर्धन पर्वत: उस समय भगवान श्री कृष्ण ने देवराज इंद्र का घमंड चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों की जान बचाई थी. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है. इस दिन भक्त भगवान कृष्ण के लिए तरह-तरह के व्यंजन तैयार करते हैं. गोवर्धन पूजा के त्योहार पर गौ माता की पूजा का भी विशेष विधान है.
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त: आचार्य विजय कुमार का ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 14 नवंबर को सुबह 6:45 से लेकर 8:52 तक है. ऐसे में गोवर्धन पूजा के लिए 2 घंटे 9 मिनट तक पूजा का मुहूर्त है. गोवर्धन पर घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा की जाती है.
गोवर्धन पूजा पर 2 योग का निर्माण: आचार्य विजय कुमार का कहना है कि इस बार गोवर्धन पूजा के दिन 2 योग बन रहे हैं. गोवर्धन पूजा पर शोभन योग प्रात काल से लेकर दोपहर 1:57 तक है. उसके बाद से अतिगंड योग शुरू हो रहा है. अतिगंड घंटे योग को शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए शोभन योग में किसी भी शुभ कार्य को किया जा सकता है.
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