कुल्लू: जिला कुल्लू में इन दिनों अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव बड़े हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों देवी-देवता इस उत्सव में शिरकत कर रहे हैं. वहीं, कुल्लू के कटराई क्षेत्र की देवी नरसिंह लक्ष्मी पहली बार अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए ढालपुर मैदान पहुंची हैं.
मान्यता है कि ऋषि अंगिरा ने इस देवी की कई सालों तक आराधना की थी. ऋषि की आराधना से प्रसन्न होकर देवी ने उन्हें आशीर्वाद मांगने को कहा. अंगिरा ऋषि ने देवी से आशीर्वाद मांगते हुए कहा कि देवी आज के बाद उनके नाम से ही जानी जाए. उस दिन के बाद से लेकर आज तक देवी को प्रत्यंगिरा के नाम से भी पुकारा जाता है.
देवी के पुजारी अजय शर्मा ने बताया कि देवी का स्वरूप भले ही डरावना हो, लेकिन यह अपने साधकों को हमेशा शांति प्रदान करती है और उनकी हर मनोकामना को पूरा करती है. अजय शर्मा ने बताया कि देवी नरात्मक ऊर्जा का अन्त करती है. उन्होंने कहा कि कटराई में एक मकान की खुदाई के दौरान देवी के कई अन्य प्राचीन शस्त्र भी मिले थे. जो आज मंदिर में रखे हुए हैं, इन शस्त्रों की रोजाना वैदिक विधि के साथ पूजा अर्चना की जाती है. बता दें कि कुल्लू के कटराई की देवी नरसिंह लक्ष्मी एक ऐसी देवी हैं, जिनका सिर सिंह के समान है, लेकिन धड़ पूरा स्त्री का बना हुआ है.