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कुल्लू दशहरा के लिए रवाना हुई घाटी की आराध्य देवी, 7 दिनों तक अपने अस्थायी शिविर में विराजेंगी माता हिडिंबा

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Published : Oct 7, 2019, 2:08 PM IST

कुल्लू में शुरू होने जा रहे देवी देवताओं के महाकुंभ के लिए सैकड़ों देवी देवता अपने रथ और पालकियों में विराजमान होकर स्थायी मंदिरों से ढालपुर के लिए रवाना हो गऐ हैं.

goddess hidimba left manali for Kullu Dussehra

मनाली: जिला कुल्लू में शुरू होने जा रहे दशहरा उत्सव के लिए देवी देवता रथ और पालकियों में विराजमान होकर स्थायी मंदिरों से ढालपुर के लिए रवाना हो गऐ हैं. मंगलवार से कुल्लू के ढालपुर मैदान में अगले सात दिनों तक देवी देवताओं का महाकुंभ देखने को मिलेगा.

हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण कुल्लू दशहरे में देखने को मिलता है जहां सैकड़ों की संख्या में देवी देवता एक जगह पर आ कर भक्तों को दर्शन देते हैं. कुल्लू घाटी में दशहरे के पर्व का ऐतिहासिक महत्व है. जब पूरे भारत में दशहरे का समापन रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले जलाकर किया जाता है तब कुल्लू दशहरा शुरू होता है.

दशहरे में घाटी के सभी देवी देवता सैकड़ों की संख्या में भाग लेते हैं. सभी देवी देवताओं की इस महाकुंभ में अहम भूमिका रहती हैं. इन्ही में से पर्यटन नगरी मनाली की आराध्य देवी माता हिडिंबा भी एक हैं. माता हिडिंबा को राजघराने की दादी भी कहा जाता है. कुल्लू दशहरा देवी हिडिंबा के आगमन से शुरू होता है. पहले दिन देवी हिडिंबा का रथ कुल्लू के राजमहल में प्रवेश करता है. यहां माता की पूजा अर्चना के बाद रघुनाथ भगवान को भी ढालपुर में लाया जाता है, जहां से सात दिवसीय दशहरा उत्सव शुरू हो जाता है. अगले सात दिनों तक माता अपने अस्थायी शिविर में ही रहती हैं.

मंगलवार से शुरू होने वाले देव महाकुंभ के लिए आज देवी हिडिंबा अपने कारकूनों और हरियानों के साथ दशहरे में भाग लेने के लिए अपने स्थान मनाली से निकल पड़ी है. देवी हिडिंबा के कुल्लू पंहुचने पर देवी का स्वागत किया जायेगा. इसके बाद भगवान रघुनाथ जी की छड़ी माता को लेने के लिए रामशिला नाम की जगह पर लाई जायेगी. इसके बाद ही भगवान रघुनाथ अपने मंदिर से बाहर आएगें और फिर सभी देवी देवताओं के साथ रथ मैदान के लिए रवाना होंगे.

पुजारी रद्युवीर ने बताया कि आज मनाली से माता दशहरे के लिए रवाना हो गई है. कल सुबह माता दशहरा उत्सव में भाग लेगी और अगले सात दिनों तक कुल्लू के ढालपुर में अपने अस्थायी शिविर में रहेंगी. उन्होंने कहा कि दशहरे के संपन्न होने के बाद ही माता अपने स्थायी शिविर में वापस आयेंगी.

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ये भी पढ़ें: रोहतांग दर्रे में पर बर्फबारी, निगम की बसों समेत फंसे सैकड़ों लोग

मनाली: जिला कुल्लू में शुरू होने जा रहे दशहरा उत्सव के लिए देवी देवता रथ और पालकियों में विराजमान होकर स्थायी मंदिरों से ढालपुर के लिए रवाना हो गऐ हैं. मंगलवार से कुल्लू के ढालपुर मैदान में अगले सात दिनों तक देवी देवताओं का महाकुंभ देखने को मिलेगा.

हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण कुल्लू दशहरे में देखने को मिलता है जहां सैकड़ों की संख्या में देवी देवता एक जगह पर आ कर भक्तों को दर्शन देते हैं. कुल्लू घाटी में दशहरे के पर्व का ऐतिहासिक महत्व है. जब पूरे भारत में दशहरे का समापन रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले जलाकर किया जाता है तब कुल्लू दशहरा शुरू होता है.

दशहरे में घाटी के सभी देवी देवता सैकड़ों की संख्या में भाग लेते हैं. सभी देवी देवताओं की इस महाकुंभ में अहम भूमिका रहती हैं. इन्ही में से पर्यटन नगरी मनाली की आराध्य देवी माता हिडिंबा भी एक हैं. माता हिडिंबा को राजघराने की दादी भी कहा जाता है. कुल्लू दशहरा देवी हिडिंबा के आगमन से शुरू होता है. पहले दिन देवी हिडिंबा का रथ कुल्लू के राजमहल में प्रवेश करता है. यहां माता की पूजा अर्चना के बाद रघुनाथ भगवान को भी ढालपुर में लाया जाता है, जहां से सात दिवसीय दशहरा उत्सव शुरू हो जाता है. अगले सात दिनों तक माता अपने अस्थायी शिविर में ही रहती हैं.

मंगलवार से शुरू होने वाले देव महाकुंभ के लिए आज देवी हिडिंबा अपने कारकूनों और हरियानों के साथ दशहरे में भाग लेने के लिए अपने स्थान मनाली से निकल पड़ी है. देवी हिडिंबा के कुल्लू पंहुचने पर देवी का स्वागत किया जायेगा. इसके बाद भगवान रघुनाथ जी की छड़ी माता को लेने के लिए रामशिला नाम की जगह पर लाई जायेगी. इसके बाद ही भगवान रघुनाथ अपने मंदिर से बाहर आएगें और फिर सभी देवी देवताओं के साथ रथ मैदान के लिए रवाना होंगे.

पुजारी रद्युवीर ने बताया कि आज मनाली से माता दशहरे के लिए रवाना हो गई है. कल सुबह माता दशहरा उत्सव में भाग लेगी और अगले सात दिनों तक कुल्लू के ढालपुर में अपने अस्थायी शिविर में रहेंगी. उन्होंने कहा कि दशहरे के संपन्न होने के बाद ही माता अपने स्थायी शिविर में वापस आयेंगी.

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Intro:लोकेशन मनाली
कुल्लु दशहरा के लिए रवाना हुई घाटी की आराध्य देवी ।
कुल्लू दशहरे में अहम भूमिका निभाती है माता हिडिम्बा
हिडिम्बा के आगमान के बाद ही आरम्भ होता है कुल्लू दशहरा देव महाकुम्भ।
कुल्लू राजपरिवार की दादी है देवी हिडिम्बा ।
सात दिनों तक अपने अस्थायी शिविर में विराजेंगी देवी हिडिम्बा ।Body:एंकर:- देवभूमि कुल्लू में आरम्भ होने जा रहे देवी देवताओं के महाकुम्भ के लिए जिला कुल्लू के सैकडों देवी देवता अपने रथ और पालकीयों में विराजमान होकर अपने स्थायी मन्दिरों से ढालपुर शहर के लिए रवाना हो गऐ हैं । कल से कुल्लू के ढालपुर मैदान में अगले सात दिनों तक देवी देवताओं का महाकुम्भ देखने को मिलेगा ।

वी ओ :- हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है।और इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलता है कुल्लू के दशहरे में जहां सैकण्डों की संख्या में देवी देवता एक जगह पर आ कर भक्तों को दर्शन देते हैं । कुल्लू घाटी में दशहरे के पर्व का संस्कृति एवं ऐतिहासिक बहुत महत्व है। जब पुरे भारत में दशहरे का समापन्न रावण मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले जला किया जाता है तब कुल्लू का दशहरा आरम्भ होता है । दशहरे में घाटी के सभी देवी देवता सैकण्डों की संख्या में भाग लेते है और सभी देवी देवताओं की इस महाकुम्भ में अहम भूमिका रहती हैं। इन्ही में से एक है पर्यटन नगरी मनाली की आराध्य देवी माता हिडिम्बा । माता हिडिम्बा की दशहरे में अहम भूमिका रहती है । माता हिडिम्बा को राजघराने की दादी भी कहा जाता है । कुल्लू दशहरा देवी हडिम्बा के आगमन से शुरू होता है। पहले दिन देवी हडिम्बा का रथ कुल्लू के राजमहल में प्रवेश करता है। यहां माता की पूजा अर्चना के बाद रघुनाथ भगवान को भी ढालपुर में लाया जाता है। जहां से सात दिवसीय दशहरा उत्सव शुरू हो जाता है। और माता अगले सात दिनों तक अपने अस्थायी शिविर में ही रहती है और लंका दहन के पश्चात ही अपने देवालय वापिस लौटती है। कल से आरम्भ होने वाले देव महाकुम्भ के लिए आज देवी हिडिम्बा अपने कारकूनों वह हरियानों के साथ दशहरे में भाग लेने के लिए अपने स्थान मनाली से निकल पडी है । जगह जगह पर भक्तों की और से देवी का स्वागत किया जा रहा है कल प्रात: देवी हिडिम्बा जब कुल्लू पंहुचेगी तो वंहा पर देवी का स्वागत किया जायेगा और फिर वंहा पर भगवान रघुनाथ जी की छडी माता को लेने के लिए रामशिला नामक स्थान पर लाई जायेगी जंहा से फिर माता भगवान रघुनाथ के मन्दिर के प्रस्थान करेंगी माता के वंहा पर पंहुचने पर पूरे रिति रिवाज से माता की पूजा अर्चना की जायेगी इसके पश्चात ही भगवान रद्युनाथ अपने मन्दिर से बाहर आयेंगें और फिर भगवान रघुनाथ और सभी देवी देवता रथ मैदान के लिए रवाना होंगे ।अधिक जानकारी देते हुए माता के पुजारी ने बताया कि आज मनाली से माता दशहरे के लिए रवाना हो गई हें और कल सुबह माता दशहरा उत्सव में भाग लेगी और अगले सात दिनों तक कुल्लू के ढालपुर में स्थित अपने अस्थायी शिविर में रहेंगी । और दशहरे के समापन्न के बाद ही माता अब अपने स्थायी शिविर में वापस आयेंगी ।

बाइट:- देवी चन्द , माता का गुर

बाइट- रद्युवीर , पुजारी

रिपोर्ट- सचिन शर्मा, मनाली।

9418711004 , 8988288885Conclusion:बता दें कि कुल्लू के दशहरा की अपनी एक अलग पहचान है जब पूरे भारत में दशहरा खत्म होता है तब जिला कुल्लू में दशहरा का आगाज होता है। देवी देवताओं के इस महा कुम्भ में एक स्थान पर भक्तों को सभी देवी देवताओं के दर्शन होते हैं ।
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