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फोरलेन का मलबा लंकाबेकर निवासियों के लिए बना परेशानी, लोगों ने उपायुक्त कुल्लू को सौंपा ज्ञापन

कीरतपुर मनाली के लांकबेकर के सामने फोरलेन का काम चल रहा है. इसका मलबा ब्यास नदी में फेंका जा रहा है. इससे बरसात के दौरान ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते सारा मलबा नदी में गिरने से लंकाबेकर में भारी नुक्सान हो सकता है. स्थानीय लोगों ने समस्या के समाधान के लिए उपायुक्त कुल्लू को ज्ञापन सौंपा.

Beas River
फोरलेन का मलबा लंकाबेकर निवासियों के लिए बना परेशानी.
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Published : Feb 22, 2020, 3:10 PM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू में इन दिनों कीरतपुर मनाली फोरलेन का काम जारों से चल रहा है. एक तरफ जहां फोरलेन से वाहन चालकों को सुविधा होगी और वही, दूसरी ओर फोरलेन के निर्माण से कुछ जगहों पर लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

जिला मुख्यालय कुल्लू के साथ लगते लंकाबेकर में बरसात के समय बड़ा हादसा हो सकता है. लांकबेकर के सामने फोरलेन का काम चल रहा है. इसका मलबा ब्यास नदी में फेंका जा रहा है. नदी किनारे सुरक्षा के लिए लगाए क्रेटवाल भी मलबा गिरने से टूट चुकी है और बरसात के दौरान ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते सारा मलबा नदी में गिरने से लंकाबेकर में भारी नुक्सान हो सकता है. इसके चलते स्थानीय लोगों ने समस्या के समाधान के लिए उपायुक्त कुल्लू को ज्ञापन सौंपा.

वीडियो रिपोर्ट.

स्थानीय निवासी मुकेश गिर का कहना है कि फोरलेन का काम नदी के दूसरी तरफ चल रहा है, लेकिन सारा मलबा नदी के बीच फेंका जा रहा है. मलबा फेंकने से बरसात के दौरान लंकाबेकर में बाढ़ का पानी आ सकता है और लोगों को भारी नुकसान हो सकता है.

उपायुक्त कुल्लू डॉक्टर रिचा वर्मा ने लंकाबेकर निवासियों की मांग को देखने के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है. कमेटी को जलद रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देश दिए गए है, लेकिन बेतरतीब हो रही डंपिंग से ब्यास नदी के रुख के मुड़ने की भी संभावना बनी हुई है.

ये भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव: 7 सेक्टरों में बंटा मंडी, 1200 जवान देंगे ड्यूटी

कुल्लू: जिला कुल्लू में इन दिनों कीरतपुर मनाली फोरलेन का काम जारों से चल रहा है. एक तरफ जहां फोरलेन से वाहन चालकों को सुविधा होगी और वही, दूसरी ओर फोरलेन के निर्माण से कुछ जगहों पर लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

जिला मुख्यालय कुल्लू के साथ लगते लंकाबेकर में बरसात के समय बड़ा हादसा हो सकता है. लांकबेकर के सामने फोरलेन का काम चल रहा है. इसका मलबा ब्यास नदी में फेंका जा रहा है. नदी किनारे सुरक्षा के लिए लगाए क्रेटवाल भी मलबा गिरने से टूट चुकी है और बरसात के दौरान ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते सारा मलबा नदी में गिरने से लंकाबेकर में भारी नुक्सान हो सकता है. इसके चलते स्थानीय लोगों ने समस्या के समाधान के लिए उपायुक्त कुल्लू को ज्ञापन सौंपा.

वीडियो रिपोर्ट.

स्थानीय निवासी मुकेश गिर का कहना है कि फोरलेन का काम नदी के दूसरी तरफ चल रहा है, लेकिन सारा मलबा नदी के बीच फेंका जा रहा है. मलबा फेंकने से बरसात के दौरान लंकाबेकर में बाढ़ का पानी आ सकता है और लोगों को भारी नुकसान हो सकता है.

उपायुक्त कुल्लू डॉक्टर रिचा वर्मा ने लंकाबेकर निवासियों की मांग को देखने के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है. कमेटी को जलद रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देश दिए गए है, लेकिन बेतरतीब हो रही डंपिंग से ब्यास नदी के रुख के मुड़ने की भी संभावना बनी हुई है.

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