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कुल्लू को अपना दूसरा घर मानते थे पूर्व प्रधानमंत्री अटल, हिमाचल से उनका प्रेम जगजाहिर

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Published : Dec 25, 2019, 1:49 PM IST

आज पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती है. अटल बिहारी वाजपेयी जी का हिमाचल प्रदेश खासकर पर्यटन नगरी मनाली से गहरा नाता रहा है. उनका जन्म तो मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 में हुआ था, लेकिन वो हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते थे.

former PM Atal considered Kullu as his second home
former PM Atal considered Kullu as his second home

कुल्लू: पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी की आज 95वीं जयंती है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत तमाम बड़े नेताओं ने उन्हें सदैव अटल स्मारक पर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी.

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी का हिमाचल प्रदेश खासकर पर्यटन नगरी मनाली से गहरा नाता रहा है. उनका जन्म तो मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 में हुआ था, लेकिन वो हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते थे.

वीडियो.

पर्यटन नगरी मनाली के प्रति लगाव उनके लगाव को हर कोई जानता है. मनाली के निकटवर्ती गांव प्रीणी में अपना आशियाना बनाने के बाद वाजपेयी कुल्लू जिले को अपना दूसरा घर कहते थे. मनाली स्थित उनके गांव प्रीणी में यहां के बाशिंदे हर साल 25 दिसंबर को उनके जन्मदिवस को धूमधाम से मनाते रहे हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री का हिमाचल विशेषकर कुल्लू के प्रति अपार स्नेह जगजाहिर है. अपने प्रधानमंत्री रहते हुए कई बार छुट्टियां बिताने प्रीणी आते रहे और हिमाचल प्रदेश के लिए किसी न किसी रूप में आर्थिक पैकेज देकर जाते थे. इसलिए आज भी कुल्लू जिले के भाजपा नेता किसी भी चुनाव में अटल के नाम को भुनाना नहीं चुकते हैं.

मेहरचंद 15 वर्षों से रोज करते आ रहे हैं पूजा
अटल का घर केयर टेकर के हवाले है. घर के बाहर सूर्य नारायण का मंदिर है. यहां पर रोजाना जगतसुख के मेहर चंद शर्मा पूजा करने के लिए आते हैं. मेहर चंद ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें मंदिर में पूजा करने का दायित्व सौंपा है और वे करीब 15 साल से हर रोज मंदिर में आकर पूजा अर्चना कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अटल अपने इस स्वभाव से हर किसी का दिल जीत लेते थे.

1990 में मनाली में बनाया था आशियाना
अटल बिहारी वाजपेयी 1962 में मनाली आए थे और उन्हें प्रीणी में ये जगह पसंद आ गई. इसके बाद करीब 1990 में अपना आशियाना सजाया. उनके दामाद निरंजन भट्टाचार्य और बेटी नमिता भट्टाचार्य अकसर प्रीणी आते रहते हैं. घर की देखभाल के लिए एक केयर टेकर रखा हुआ है.

अटल बिहारी वाजपेयी जब तक स्वस्थय थे तो उनका मनाली आना जाना लगा रहता था. वह अंतिम बार वर्ष 2006 में मनाली स्थित प्रीणी में अपने घर आये थे और इसके बाद उनका कभी यहां आना नहीं हुआ. अटल जी मनाली के लोगों को अपने परिवार के सदस्य की तरह मानते थे. वह जब भी मनाली आते घंटों यंहा के ग्रामीणों संग बैठ कर अपना समय बिताते थे.

अटल बिहारी वाजपेयी के इसी अपनेपन के कारण यंहा के बच्चे उन्हें दादा जी और बड़े उन्हें अपना पिता समान समझते थे. आज अटल बिहारी वाजपेयी जी बेशक इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गऐं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी मनाली के लोगों के दिलों में जिंदा हैं.

कुल्लू: पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी की आज 95वीं जयंती है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत तमाम बड़े नेताओं ने उन्हें सदैव अटल स्मारक पर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी.

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी का हिमाचल प्रदेश खासकर पर्यटन नगरी मनाली से गहरा नाता रहा है. उनका जन्म तो मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 में हुआ था, लेकिन वो हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते थे.

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पर्यटन नगरी मनाली के प्रति लगाव उनके लगाव को हर कोई जानता है. मनाली के निकटवर्ती गांव प्रीणी में अपना आशियाना बनाने के बाद वाजपेयी कुल्लू जिले को अपना दूसरा घर कहते थे. मनाली स्थित उनके गांव प्रीणी में यहां के बाशिंदे हर साल 25 दिसंबर को उनके जन्मदिवस को धूमधाम से मनाते रहे हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री का हिमाचल विशेषकर कुल्लू के प्रति अपार स्नेह जगजाहिर है. अपने प्रधानमंत्री रहते हुए कई बार छुट्टियां बिताने प्रीणी आते रहे और हिमाचल प्रदेश के लिए किसी न किसी रूप में आर्थिक पैकेज देकर जाते थे. इसलिए आज भी कुल्लू जिले के भाजपा नेता किसी भी चुनाव में अटल के नाम को भुनाना नहीं चुकते हैं.

मेहरचंद 15 वर्षों से रोज करते आ रहे हैं पूजा
अटल का घर केयर टेकर के हवाले है. घर के बाहर सूर्य नारायण का मंदिर है. यहां पर रोजाना जगतसुख के मेहर चंद शर्मा पूजा करने के लिए आते हैं. मेहर चंद ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें मंदिर में पूजा करने का दायित्व सौंपा है और वे करीब 15 साल से हर रोज मंदिर में आकर पूजा अर्चना कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अटल अपने इस स्वभाव से हर किसी का दिल जीत लेते थे.

1990 में मनाली में बनाया था आशियाना
अटल बिहारी वाजपेयी 1962 में मनाली आए थे और उन्हें प्रीणी में ये जगह पसंद आ गई. इसके बाद करीब 1990 में अपना आशियाना सजाया. उनके दामाद निरंजन भट्टाचार्य और बेटी नमिता भट्टाचार्य अकसर प्रीणी आते रहते हैं. घर की देखभाल के लिए एक केयर टेकर रखा हुआ है.

अटल बिहारी वाजपेयी जब तक स्वस्थय थे तो उनका मनाली आना जाना लगा रहता था. वह अंतिम बार वर्ष 2006 में मनाली स्थित प्रीणी में अपने घर आये थे और इसके बाद उनका कभी यहां आना नहीं हुआ. अटल जी मनाली के लोगों को अपने परिवार के सदस्य की तरह मानते थे. वह जब भी मनाली आते घंटों यंहा के ग्रामीणों संग बैठ कर अपना समय बिताते थे.

अटल बिहारी वाजपेयी के इसी अपनेपन के कारण यंहा के बच्चे उन्हें दादा जी और बड़े उन्हें अपना पिता समान समझते थे. आज अटल बिहारी वाजपेयी जी बेशक इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गऐं हैं, लेकिन उनकी यादें आज भी मनाली के लोगों के दिलों में जिंदा हैं.

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