कुल्लू: जिला कुल्लू में पैराग्लाइडिंग के एडवांस कोर्स के फर्जी सर्टिफिकेट देने के मामले में जहां पर्यटन विभाग कार्रवाई में जुट गया है, तो वहीं पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ कर रही है. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि यह सभी प्रमाण पत्र पतलीकूहल के एक प्रिंटिंग प्रेस में प्रिंट करवाए गए थे. ऐसे में पुलिस ने जांच के बाद पतलीकूहल से एक प्रिंटर को अपने कब्जे में लिया है.
पुलिस ने जब आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वह पतलीकूहल में ही प्रमाण पत्र प्रिंट करवाते थे. इसके बाद पुलिस ने संबंधित दुकान पर दबिश देकर प्रिंटर को कब्जे में लिया है. वहीं, दुकान के मालिक को भी थाने में तलब किया गया है. अब पुलिस इसमें यह जांच कर रही है कि यहां कितने प्रमाण पत्र प्रिंट किए गए थे. पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि रायसन क्षेत्र के कुछ लोग भी इस गिरोह से जुड़े हुए हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्द संभव है.
इसके अलावा पर्यटन विभाग के पास छह फर्जी प्रमाण पत्र पाए गए हैं. यह सभी पायलट डोभी पैराग्लाइडिंग साइट पर उड़ान भरते थे. ऐसे में अब डोभी साइट पर हो रहे लगातार हादसों में इनकी संलिप्तता तो नहीं पाई गई है. इसका भी पता लगाया जा रहा है. हालांकि पर्यटन विभाग ने सभी छह पायलटों पर रोक लगा दी है. सूत्रों के मुताबिक कुल्लू में इस तरह के 100 से अधिक फर्जी प्रमाण पत्र बेचे गए हैं. ऐसे में इस मामले में एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश फाश हो सकता है.
कुल्लू में 442 पैराग्लाइडर पायलट हैं पंजीकृत: जिले के सोलंगनाला, मढ़ी, मझाच, डोभी, कोठी, गडसा, नांगाबाग से पैराग्लाइडर उड़ान भरते हैं. इन सात साइट की पर्यटन विभाग की तकनीकी कमेटी जांच करती है. इसके बाद ही पैराग्लाइडर को उड़ान की इजाजत होती है. सोलंगनाला में 182 पायलट, डोभी में 196, मझाच पांच, कोठी में 4, नांगाबाग में 16 और गड़सा में 40 पायलट पंजीकृत हैं. ऐसे में कुल्लू जिले में कुल 442 पैराग्लाइडर पायलट हैं.
कैसे हुआ मामले का खुलासा: इस मामले का खुलासा तब हुआ जब कुल्लू में बढ़ रहे हादसों के बाद पर्यटन विभाग ने पैराग्लाइडर्स के लाइसेंस चेक करने के लिए पैराग्लाइडिंग साइट्स पर रेड की. इस दौरान स्थानीय लोगों ने विभाग से शिकायत की कि यहां पर पैसे लेकर फर्जी सर्टिफिकेट दिए जा रहे है. जिसके बाद विभाग ने इसकी शिकायत एसडीएम से की. एसडीएम की शिकायत पर जब पुलिस ने जांच शुरू की तो मामले में दो आरोपी गिरफ्ताए किए गए. वहीं, प्रशासन ने पर्यटन विभाग से उन सभी पैराग्लाइडर्स की जांच करने को कहा, जिनके पास एडवांस कोर्स के लाइसेंस थे. जांच के दौरान 6 पैराग्लाइडर्स ऐसे पाए गए जिनके प्रमाणपत्र सही नहीं थे. जिसके बाद विभाग ने इन सभी की उड़ान भरने पर रोक लगा दी है.
पुलिस फर्जी प्रमाण पत्रों को लेकर लगातार आरोपियों से पूछताछ कर रही है. यह लोग पतलीकूहल में ही प्रमाण पत्र को प्रिंटिं करवाते थे. आरोपियों से पूछताछ के बाद एक दुकान से प्रिंटर जब्त किया गया है. मामले में जांच जारी है.
आशीष शर्मा, ASP कुल्लू.
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