कुल्लू: घाटी के जर्रे-जर्रे में देवआस्था का चमत्कारी प्रभाव अन्य राज्य के लोगों के लिए किसी अचंभे से कम नहीं है. लेकिन सदियों से चली आ रही देव अनुकंपा से ही कुल्लू घाटी के समस्त गांव की सत्ता चलती है. देव अनुकंपा का साक्षात उदाहरण मनाली के एतिहासिक गांव गोशाल में देखने को मिला. 42 दिनों के बाद स्वर्ग प्रवास से लौटे कुल्लू घाटी के आराध्य देवों ने भविष्यवाणी की.
वाद्ययंत्रों से गूंजा गांव
देवता के स्वर्ग प्रवास से आते ही देवालय में बंधी घंटियां खोल दी गई और बंद पड़े रेडियो और टीवी भी ऑन हो गए. देवताओं ने गुर के माध्यम से मानव जगत के लिए वर्ष 2021 मिला-जुला बताया. स्वर्ग प्रवास से लौटे महाऋषि गौतम-महाऋषि व्यास और कंचन नाग द्वारा कुल्लू घाटी के सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में दुनिया भर में होने वाले घटनाक्रम से अवगत करवाया गया.
सुबह ही ऐतिहासिक गांव देव वाद्ययंत्रों से गूंज उठा. अपने आराध्य देवों के स्वर्ग प्रवास से लौटने को लेकर उत्सुक ग्रामीणों और देवता के कारकूनों ने देव विधिपूर्वक देवताओं का स्वागत किया. दोपहर बाद देवता के कारकूनों ने देव वाद्ययंत्रों के बीच देव विधि से कार्रवाई शुरू की.
साल 2021 सभी के लिए रहेगा सुखद
घाटी के लोगों ने गोशाल गांव में दस्तक देकर अपनी उत्सुकता प्रकट की. सभी कारकूनों और देवलुओं के देवालय में पहुंचते ही गोशाल गांव का माहौल भक्तिमय हो उठा. कारकूनों और पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना के बाद विधिपूर्वक मृदा लेप को हटाया गया. देवता के गुर और कारकूनों ने देवविधि को पूरा किया. मृदा लेप से कुमकुम, फूल, अनाज का छिलका, सेब के पत्ते निकलने से ग्रामीण खुश हुए.
काले बाल और कोयला भी हल्की मात्रा में निकला है. देवता ने वर्ष 2021 दुनिया के लिए कुछ अच्छा तो कुछ बुरा बताया है. उन्होंने गुर के माध्यम से घाटी में सेब की फसल अच्छी होने से साथ साथ शुभ कार्य अधिक रहने की बात कही. देवता के कारदार हरि सिंह ने बताया कि कुल मिलाकर यह वर्ष सभी के लिये सुखद रहेगा.
देव प्रतिवंध से मुक्त हुए ग्रामीण
घाटी के आराध्य देव स्वर्ग प्रवास से लौट आए हैं और ग्रामीण देव प्रतिबंध से मुक्त हो गए हैं. गांव में खुशी का माहौल है और ग्रामीण उत्सव मनाने में व्यस्त हो गए हैं. इस बार कोयला कम निकलने से लोग खुश हैं. देवता के स्वर्ग प्रवास से लौटते ही मनाली की उझी घाटी में फागली उत्सव की धूम शुरू हो गई है.
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