कुल्लू: हिमाचल सरकार छह मार्च को अपना बजट पेश करने जा रही है. ऐसे में जिला कुल्लू के पर्यटन से जुड़े कारोबारियों को भी बजट से खासी उम्मीदे हैं. कोरोना काल के बाद पर्यटन व्यवसाय के लिए राहत की आस लगाए बैठे हैं.
जिला कुल्लू में भी हर साल प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा लेने के लिए लाखों पर्यटक जिला कुल्लू का रुख करते हैं. जिला कुल्लू के पर्यटन नगरी मनाली के अलावा मणिकर्ण, लगघाटी व बंजार घाटी में भी कई ऐसे पर्यटन स्थल है. जिनकी सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाती है. ऐसे में पर्यटन कारोबारी भी प्रदेश सरकार से बजट में पर्यटन व्यापार को विकसित करने के लिए राहत देने की मांग रख रहे हैं.
बंजार को विकास की सख्त जरूरत
जिला कुल्लू के पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि पर्यटन व्यवसाय को बेहतर बनाने के लिए सबसे पहले सड़कों का होना बेहतर है. जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी व बंजार घाटी अगर बात करें तो वहां पर अभी भी सड़कें डबल नहीं हो पाई है. जिसके चलते गर्मी में ट्रैफिक जाम लगता है और पर्यटकों को भी खासी परेशानियां उठानी पड़ती है. ऐसे में सड़कों को भी चौड़ा करने का कार्य किया जाना चाहिए. वहीं, सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था भी होनी चाहिए.
स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि बंजार घाटी के बात करें तो वहां पर सार्वजनिक शौचालय नहीं है और ना ही कूड़ेदान की व्यवस्था है. ऐसे में पर्यटकों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलेगी तो पर्यटन स्थलों का रुख पर्यटक नहीं करेंगे.
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हवाई अड्डे का हो विस्तार
इसके अलावा जिला कुल्लू के हवाई अड्डे पर भी हवाई उड़ानों को नियमित किया जाना चाहिए और हवाई अड्डे का भी विस्तार किया जाना चाहिए. जिससे दिल्ली से आने वाले पर्यटकों का किराया भी काफी कम होगा. वहीं, इससे विंटर पर्यटन को विकसित करने की भी सरकार को पहल करनी चाहिए. नई स्की ढलानों को भी विकसित किया जाना चाहिए. इसके अलावा जिला के ट्रैकिंग रूट की भी हालत दुरुस्त करनी चाहिए ताकि पहाड़ों पर रोमांच के शौकीनों को भी ट्रैकिंग रूट पर जाने की सुविधा मिल सके.
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