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जनजातीय जिला लाहौल के दिवेश बने IAS, बिना कोचिंग पास की सिविल सर्विस परीक्षा - Divesh Sashani IAS officer

सिविल सर्विस की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. लेकिन जुनून के आगे हर कठिनाई आसान हो जाती है. जनजातीय जिला लाहौल निवासी दिवेश शाशनी ने बिना किसी कोचिंग क्लास के सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की और अब वह IAS बन गए हैं.

IAS Divesh
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Published : Sep 29, 2020, 2:24 PM IST

कुल्लू: जुनून और जिद के आगे देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनने वाले दिवेश शाशनी युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं. बड़ी बात यह है कि दिवेश शाशनी बिना कोचिंग लिए एसटी वर्ग में बेहतर अंक हासिल कर आईएएस बनने वाले पहले जनजातीय युवक बन गए हैं.

दिवेश के पिता बलदेव शाशनी एक प्रगतिशील बागवान हैं और माता शिक्षिका हैं. बेटे की कामयाबी से पूरा परिवार बेहद खुश है. बलदेव शाशनी को अपने बेटे की मेहनत और लगन पर पूरा यकीन था. ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े दिवेश ने इंजीनियरिंग के लिए चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लिया. हालांकि इससे पहले दिवेश की पढ़ाई मनाली में हुई है.

करीब एक दशक बाद लाहौल स्पीति से किसी युवक के आईएएस बनने से घाटी में खुशी की लहर है. लाहौल के गोशाल गांव से तालुक रखने वाले दिवेश की कामयाबी से ग्रामीण बेहद खुश हैं. गोशाल पंचायत की प्रधान सुशीला राणा ने कहा कि दिवेश ने पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है.

कुल्लू: जुनून और जिद के आगे देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनने वाले दिवेश शाशनी युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं. बड़ी बात यह है कि दिवेश शाशनी बिना कोचिंग लिए एसटी वर्ग में बेहतर अंक हासिल कर आईएएस बनने वाले पहले जनजातीय युवक बन गए हैं.

दिवेश के पिता बलदेव शाशनी एक प्रगतिशील बागवान हैं और माता शिक्षिका हैं. बेटे की कामयाबी से पूरा परिवार बेहद खुश है. बलदेव शाशनी को अपने बेटे की मेहनत और लगन पर पूरा यकीन था. ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े दिवेश ने इंजीनियरिंग के लिए चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लिया. हालांकि इससे पहले दिवेश की पढ़ाई मनाली में हुई है.

करीब एक दशक बाद लाहौल स्पीति से किसी युवक के आईएएस बनने से घाटी में खुशी की लहर है. लाहौल के गोशाल गांव से तालुक रखने वाले दिवेश की कामयाबी से ग्रामीण बेहद खुश हैं. गोशाल पंचायत की प्रधान सुशीला राणा ने कहा कि दिवेश ने पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है.

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