कुल्लू: जुनून और जिद के आगे देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनने वाले दिवेश शाशनी युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं. बड़ी बात यह है कि दिवेश शाशनी बिना कोचिंग लिए एसटी वर्ग में बेहतर अंक हासिल कर आईएएस बनने वाले पहले जनजातीय युवक बन गए हैं.
दिवेश के पिता बलदेव शाशनी एक प्रगतिशील बागवान हैं और माता शिक्षिका हैं. बेटे की कामयाबी से पूरा परिवार बेहद खुश है. बलदेव शाशनी को अपने बेटे की मेहनत और लगन पर पूरा यकीन था. ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े दिवेश ने इंजीनियरिंग के लिए चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लिया. हालांकि इससे पहले दिवेश की पढ़ाई मनाली में हुई है.
करीब एक दशक बाद लाहौल स्पीति से किसी युवक के आईएएस बनने से घाटी में खुशी की लहर है. लाहौल के गोशाल गांव से तालुक रखने वाले दिवेश की कामयाबी से ग्रामीण बेहद खुश हैं. गोशाल पंचायत की प्रधान सुशीला राणा ने कहा कि दिवेश ने पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है.
ये भी पढ़ें: PM के दौरे से पहले तैयारियों का जायजा लेंगे सीएम जयराम, 30 सितंबर को आएंगे मनाली
ये भी पढ़ें: Ground Report: पहाड़ी की कटिंग के दबाव से सड़क में आई दरारें, 14 घंटों से NH-5 बंद