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कोविड-19 के दौर में मीडिया की संजीदगी नजर आई: डॉ. सुशील चन्द्र

डॉ. सुशील चंद्र ने कहा कि गत मार्च माह में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के पहले दिन से ही मीडिया ने जिस संजीदगी के साथ आम जनमानस को शिक्षित और जागरूक करने का कार्य किया, वह सराहनीय है.

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Published : Nov 16, 2020, 6:25 PM IST

District level National Press Day held in Kullu
फोटो.

कुल्लू: कोरोना वायरस महामारी बनकर सबके सामने आया है जिसके व्यवहार का सही ढंग से अभी तक भी पता नहीं चल पाया है और न ही इसकी वैक्सीन अभी तक बाजार में नहीं आ पाई है. यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंन्द्र ने प्रेस क्लब कुल्लू में आयोजित जिला स्तरीय राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर संबोधित करते हुए कही.

उन्होंने इस अवसर पर मीडिया कर्मियों को प्रेस दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी. समारोह में 'कोविड-19 महामारी के दौरान मीडिया की भूमिका व इसका मीडिया पर प्रभाव विषय पर परिचर्चा की गई. डॉ. सुशील चंद्र ने कहा कि गत मार्च माह में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के पहले दिन से ही मीडिया ने जिस संजीदगी के साथ आम जनमानस को शिक्षित और जागरूक करने का कार्य किया, वह सराहनीय है.

उल्लेखनीय है कि महामारी के कारण शासन व प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग पर बड़ी जिम्मेवारी आ गई. लोगों को इस महामारी के बारे में जागरूक करना और वायरस से बचाना बड़ी चुनौती थी. प्रत्येक दिन सरकार द्वारा कोई न कोई एडवाईजरी जारी की गई जिसे तुरंत से जन-जन तक पहुंचाना अनिवार्य था.

मीडिया ने इस चुनौती से निपटने के लिए सदैव सकारात्मक सहयोग दिया है. कोरोना को लेकर हर दिन कोई न कोई मीडिया बुलेटिन, बाईट जारी की गई है. जिसके माध्यम से हम लोगों को महामारी के बारे में जागरूक करने में सफल हो पाए हैं.

उन्होंने कहा कि जिला में लोगों को जागरूक किया गया और एहतियाती उपाय किए गए और यही कारण था कि कुल्लू में कोरोना पॉजिटिव के मामले अन्य जिलों के काफी समय बाद आना शुरू हुए. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि पत्रकारों ने लॉकडाउन के दौरान न केवल जरूरतमंदों को राशन और भोजन प्रदान किया, बल्कि बे सहारा जानवरों को भी अनाज बांटते दिखाई दिए जो मानवता की मिसाल है.

उन्होंने मीडिया से कोरोना को लेकर और अधिक जागरूकता उत्पन्न करने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने चिंता जाहिर की कि कोरोना से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है और लोग बेपरवाह नजर आ रहे हैं. जिला लोक सम्पर्क अधिकारी प्रेम ठाकुर ने स्वागत किया और कहा कि इस वैश्विक महामारी के दौरान मीडिया ने सूचना, शिक्षा और संप्रेषण गतिविधियों को जन-जन तक पहुंचाने में अहम और विश्वसनीय साझेदार की भूमिका निभाई है ताकि लोगों को इस संकट से उबरने बारे जागरूक किया जा सके.

कोरोना महामारी के वक्त में लोगों को मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने, हाथों को लगातार धोने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और नियमित व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका प्रशंसनीय रही है.

उन्होंने कहा कि सूचना का आदान-प्रदान आज डिजिटल मोड में तेजी से हो रहा है. सोशल मीडिया को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. प्रेस क्लब ऑफ कुल्लू के अध्यक्ष धनेश गौतम ने कहा कि लॉकडाउन सरकार का ऐतिहासिक कदम था, लेकिन इससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है और मीडिया को विज्ञापनों से मिलने वाली आय में काफी कमी दर्ज की गई है.

उन्होंने कहा कि कई मीडियाकर्मियों को आर्थिक दौर से गुजरना पड़ा, लेकिन इन सबके बावजूद कोविड-19 के नाजुक दौर में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभा रहे हैं. उन्होंने मीडिया कर्मियों से आग्रह किया कि महामारी के ऐसे गंभीर समय में उन्हें अपना काम और अधिक जिम्मेवारी के साथ करना चाहिए और समाज में सकारात्मक माहौल उत्पन्न करने से जुड़ी पत्रकारिता को प्राथमिकता देनी चाहिए.

समाज में किसी प्रकार की गल्त खबर न जाए, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. वरिष्ठ पत्रकार श्याम कुल्लवी ने कहा कि पत्रकारों को भी कोरोना योद्धाओं का दर्जा प्रदान किया जाना चाहिए.कुल्लू से सभी अखबारों व इलैक्ट्रानिक चैनलों के पत्रकार, रिपोर्टर और फोटोग्राफर इस अवसर पर मौजूद रहे.

कुल्लू: कोरोना वायरस महामारी बनकर सबके सामने आया है जिसके व्यवहार का सही ढंग से अभी तक भी पता नहीं चल पाया है और न ही इसकी वैक्सीन अभी तक बाजार में नहीं आ पाई है. यह बात मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील चंन्द्र ने प्रेस क्लब कुल्लू में आयोजित जिला स्तरीय राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर संबोधित करते हुए कही.

उन्होंने इस अवसर पर मीडिया कर्मियों को प्रेस दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी. समारोह में 'कोविड-19 महामारी के दौरान मीडिया की भूमिका व इसका मीडिया पर प्रभाव विषय पर परिचर्चा की गई. डॉ. सुशील चंद्र ने कहा कि गत मार्च माह में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के पहले दिन से ही मीडिया ने जिस संजीदगी के साथ आम जनमानस को शिक्षित और जागरूक करने का कार्य किया, वह सराहनीय है.

उल्लेखनीय है कि महामारी के कारण शासन व प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग पर बड़ी जिम्मेवारी आ गई. लोगों को इस महामारी के बारे में जागरूक करना और वायरस से बचाना बड़ी चुनौती थी. प्रत्येक दिन सरकार द्वारा कोई न कोई एडवाईजरी जारी की गई जिसे तुरंत से जन-जन तक पहुंचाना अनिवार्य था.

मीडिया ने इस चुनौती से निपटने के लिए सदैव सकारात्मक सहयोग दिया है. कोरोना को लेकर हर दिन कोई न कोई मीडिया बुलेटिन, बाईट जारी की गई है. जिसके माध्यम से हम लोगों को महामारी के बारे में जागरूक करने में सफल हो पाए हैं.

उन्होंने कहा कि जिला में लोगों को जागरूक किया गया और एहतियाती उपाय किए गए और यही कारण था कि कुल्लू में कोरोना पॉजिटिव के मामले अन्य जिलों के काफी समय बाद आना शुरू हुए. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि पत्रकारों ने लॉकडाउन के दौरान न केवल जरूरतमंदों को राशन और भोजन प्रदान किया, बल्कि बे सहारा जानवरों को भी अनाज बांटते दिखाई दिए जो मानवता की मिसाल है.

उन्होंने मीडिया से कोरोना को लेकर और अधिक जागरूकता उत्पन्न करने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने चिंता जाहिर की कि कोरोना से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है और लोग बेपरवाह नजर आ रहे हैं. जिला लोक सम्पर्क अधिकारी प्रेम ठाकुर ने स्वागत किया और कहा कि इस वैश्विक महामारी के दौरान मीडिया ने सूचना, शिक्षा और संप्रेषण गतिविधियों को जन-जन तक पहुंचाने में अहम और विश्वसनीय साझेदार की भूमिका निभाई है ताकि लोगों को इस संकट से उबरने बारे जागरूक किया जा सके.

कोरोना महामारी के वक्त में लोगों को मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने, हाथों को लगातार धोने, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और नियमित व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका प्रशंसनीय रही है.

उन्होंने कहा कि सूचना का आदान-प्रदान आज डिजिटल मोड में तेजी से हो रहा है. सोशल मीडिया को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. प्रेस क्लब ऑफ कुल्लू के अध्यक्ष धनेश गौतम ने कहा कि लॉकडाउन सरकार का ऐतिहासिक कदम था, लेकिन इससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है और मीडिया को विज्ञापनों से मिलने वाली आय में काफी कमी दर्ज की गई है.

उन्होंने कहा कि कई मीडियाकर्मियों को आर्थिक दौर से गुजरना पड़ा, लेकिन इन सबके बावजूद कोविड-19 के नाजुक दौर में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभा रहे हैं. उन्होंने मीडिया कर्मियों से आग्रह किया कि महामारी के ऐसे गंभीर समय में उन्हें अपना काम और अधिक जिम्मेवारी के साथ करना चाहिए और समाज में सकारात्मक माहौल उत्पन्न करने से जुड़ी पत्रकारिता को प्राथमिकता देनी चाहिए.

समाज में किसी प्रकार की गल्त खबर न जाए, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. वरिष्ठ पत्रकार श्याम कुल्लवी ने कहा कि पत्रकारों को भी कोरोना योद्धाओं का दर्जा प्रदान किया जाना चाहिए.कुल्लू से सभी अखबारों व इलैक्ट्रानिक चैनलों के पत्रकार, रिपोर्टर और फोटोग्राफर इस अवसर पर मौजूद रहे.

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