कुल्लू: जिला कुल्लू में टमाटर की फसल पर ब्लाइट रोग ने हमला बोल दिया है. इस बीमारी के प्रभाव से टमाटर के पौधों के पत्तों पर काले धब्बे पड़ने से फसल को नुकसान हो रहा है. वहीं टमाटर की फसल को लगी बीमारी को लेकर किसान भी चिंतित हैं.
इस बारे में कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण यह बीमारी पनप रही है. इससे निजात पाने के लिए किसानों को समय रहते दवा का छिड़काव करना चाहिए. जिला कुल्लू की लोअर बेल्ट में बड़े पैमाने पर टमाटर का उत्पादन हो रहा है. जिला में करीब 1300 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की पैदावार हो रही है. वहीं, सैकड़ों किसान टमाटर की फसल से अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे हैं.
जिला कुल्लू का टमाटर बाहरी राज्यों में भेजा जाता है. यहां की विभिन्न मंडियों में भी टमाटर का कारोबार करोड़ों में होता है, लेकिन इस साल फसल पर बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है. ऐसे में किसान अपनी फसल को बचाने के लिए दवा का छिड़काव कर रहे हैं.
घाटी के किसानों ने कहा कि कभी मौसम साफ तो कभी बारिश हो रही है. इसके कारण भी टमाटर की फसल पर बीमारी लग रही है. बीमारी के कारण टमाटर के पत्तों पर काले धब्बे पड़ रहे हैं, जिससे टमाटर भी खराब हो रहा है. ऐसे में कृषि विभाग जल्द इस बीमारी पर रोक लगाने के उपाय जारी करें.
कृषि विभाग के उपनिदेशक राजपाल शर्मा ने कहा कि मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण बीमारी का कहर बरपा है. बीमारी से निजात पाने के लिए 30 लीटर पानी में ब्लेटॉक्स दवा का घोल बनाकर बीमारी पर नियंत्रण हो जाता है. इसके बाद भी बीमारी के नियंत्रण में न होने पर कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेकर दोबारा छिड़काव करें.
गौर रहे कि जिला कुल्लू में टमाटर की फसल किसानों के लिए आय का प्रमुख स्रोत है. किसानों की आर्थिकी टमाटर की फसल पर काफी हद तक निर्भर रहती है. वहीं, अब फसल में बीमारी के कारण किसान परेशान हैं.
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