कुल्लूः जिला कुल्लू की उपायुक्त डाॅ. ऋचा वर्मा ने आज प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ सूखे के आंकलन के संबंध में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के उपरांत अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान कहा कि जल सरंक्षण समय की आवश्यकता है और प्रत्येक व्यक्ति को जल संरक्षण कार्यों में अपना योगदान करना चाहिए.
उपायुक्त ने पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधियों से अपील की है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जल संरक्षण व पारम्परिक जल स्त्रोतों के रखरखाव का कार्य करने के लिए सभी को प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि पंचायतों में यह कार्य मनरेगा के तहत किया जाना चाहिए. इसमें जल शक्ति विभाग व वन विभागों का भी सहयोग लिया जाना चाहिए.
कम बारिश से 113 जल योजनाएं प्रभावित
डाॅ. ऋचा वर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव को अवगत करवाया कि जिला में कम वर्षा के चलते 113 जल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, इनमें से 55 को ठीक कर लिया गया है. उन्होंने अवगत करवाया कि जिला में कुल 19760 हैक्टेयर भूमि में रवी की फसल की बीजाई की गई है, जो माह के अंत तक तैयार हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सूखे जैसी स्थिति अभी नहीं है. गेहूं और अदरक का लगभग 30 लाख के नुकसान का आंकलन किया गया है.
मटर को 200 हैक्टेयर भूमि में नुकसान
मटर को 200 हैक्टेयर भूमि में नुकसान हुआ है. बागवानी को अभी तक नुकसान नहीं हुआ है. सेब की फलावरिंग हो रही है जबकि स्टोन फ्रूट की पहले ही फलावरिंग हो चुकी है और अभी तक काफी अच्छी सैटिंग की जिला से रिपोर्ट है. हालांकि स्टोन फलों को आंधी-तूफान के कारण नुकसान होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
जल रिसाव को रोकने के आदेश
मुख्य सचिव के निर्देश पर उपायुक्त ने संबंधित विभागों को पानी के दुरूपयोग को रोकने पर कड़े कदम उठाने को कहा. उन्होंने कहा कि घरों में पानी की टंकी में किसी प्रकार का ओवर फ्लो नहीं होना चाहिए और न ही पाइप में किसी प्रकार का रिसाव हो. इसके लिए उन्होंने जल शक्ति विभाग को विशेष अभियान चलाने को कहा. उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि भी अपनी पंचायतों में पानी के दुरूपयोग पर नजर रखें. जल स्त्रोतों की मुरम्मत की जाए और जन सहभागिता सुनिश्चित बनाई जानी चाहिए.
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