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समेकित बाल विकास सेवाओं के तहत समीक्षा बैठक आयोजित, DC कुल्लू ने की अध्यक्षता

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Published : Sep 11, 2020, 7:59 PM IST

डीसी डॉ. ऋचा वर्मा की अध्यक्षता में समेकित बाल विकास सेवाओं के तहत समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. डीसी कुल्लू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह कोरोना के चलते जिला में तमाम गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं और बच्चों को घर पर राशन की उपलब्धदता को सुनिश्चित करें.

DC kullu
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कुल्लू: समेकित बाल विकास सेवाओं के तहत शुक्ररवार को डीसी डॉ. ऋचा वर्मा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. डीसी कुल्लू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह कोरोना के चलते जिला में तमाम गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं और बच्चों को घर पर राशन की उपलब्धदता को सुनिश्चित करें.

डीसी डॉ. ऋचा वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि जिला कुल्लू में इस वर्ष 30 सितंबर तक छह माह से तीन वर्ष के 14,889, तीन वर्ष से छह वर्ष तक की आयु के 14,158 बच्चे जबकि 5,907 गर्भवती व धात्री महिलाओं को घर पर ही राशन उपलब्ध करवाया गया.

इसी प्रकार शालापूर्व शिक्षण कार्यक्रम के तहत बच्चों के शारीरिक बौद्धिक, भाषा एवं सामाजिक विकास के लिए उनके घर पर ही व्हाट्स ऐप पर ऑनलाइन माध्यम से बच्चों से सम्बंधित गतिविधियों को भी करवाया जा रहा है ताकि बच्चे निरंतर रूप से इन गतिविधियों से जुड़े रहें.

डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, विधवा पुनर्विवाह, मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के तहत इस साल अगस्त तक 37 लाख 63 हजार रुपए खर्च कर 734 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर लाभान्वित किया गया है.

इसके साथ ही बेटी है अनमोल योजना के तहत इस साल 8 लाख 20 हजार रुपए खर्च कर 70 महिलाओं को लाभान्वित किया गया. सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. कोविड-19 के कारण शिक्षा विभाग की ओर से एमडीएम के तहत राशन के पैसे बच्चों के बैंक खातों में जमा करवाना सुनिश्चित किया जाएगा.

सशक्त महिला योजना, स्किल डिवलपमैंट और माईक्रो उद्यमिता विकास, स्वच्छता पर भी हुई चर्चा

बैठक में सशक्त महिला योजना, स्किल डिवलपमैंट और माइक्रो उद्यमिता विकास, स्वच्छता को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई. डीसी कुल्लू ने सम्बंधित विभागों को जिला में अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाने और उनकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कदम उठाने को कहा. आचार-चटनी जैसे उत्पाद तैयार करने के अलावा स्वयं सहायता समूहों से गाय के गोबर का उपयोग करके दीवे इत्यादि बनाने जैसे कार्यों को प्राथमिकता प्रदान की जाए.

उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए विभाग ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों भी प्रशिक्षण प्रदान करना सुनिश्चित करे. विभागीय अधिकारी आयुष विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर योगा कार्यक्रम को ऑनलाइन शुरू करे ताकि इसका अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके.

बाल संरक्षण इकाई की गतिविधियों की भी की गई समीक्षा

इसके अतिरिक्त जिला बाल संरक्षण इकाई से सम्बंधित गतिविधियों को लेकर भी समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि जिला कुल्लु में चल रहे बाल-बालिका गृहों में रह रहे बच्चों की उचित देखभाल और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच को सुनिश्चित किया जाए. बैठक में बाल-बालिका सुरक्षा योजना पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया.

इसके बाद एक अन्य चाइल्ड लाइन सलाहकार बोर्ड की बैठक भी आयोजित की गई. जिसमें कोविड-19 के दौरान चाइल्ड लाइन की भूमिका पर चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के चलते जिला में आश्रयहीन बच्चों को चाइल्ड केयर संस्थान में ले जाने से पहले उनकी कोरोना जांच को सुनिश्चित किया जाए. बस अडडा, सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों, सरकारी कार्यालयों और पंचायती राज संस्थाओं में आश्रयहीन बच्चों की जानकारी को लेकर बैनर्स, पोस्टरस चिपकाए जाएं.

इस अवसर पर एसडीएम सदर डॉ. अमित गुलेरिया, परियोजना अधिकारी डीआरडीए सुरजीत सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस राज कुमारी, एलडीएम तामा छेरिंग, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र चीमे आर्यन, जिला पंचायत अधिकारी बिमला देवी, जिला संयोजक चाइल्डलाइन सलाहकार बोर्ड शालिनी के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे.

पढ़ें: कुल्लू में सियासी घमासान, कांग्रेस विधायक के बेटे ने बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप

कुल्लू: समेकित बाल विकास सेवाओं के तहत शुक्ररवार को डीसी डॉ. ऋचा वर्मा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया. डीसी कुल्लू ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह कोरोना के चलते जिला में तमाम गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं और बच्चों को घर पर राशन की उपलब्धदता को सुनिश्चित करें.

डीसी डॉ. ऋचा वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि जिला कुल्लू में इस वर्ष 30 सितंबर तक छह माह से तीन वर्ष के 14,889, तीन वर्ष से छह वर्ष तक की आयु के 14,158 बच्चे जबकि 5,907 गर्भवती व धात्री महिलाओं को घर पर ही राशन उपलब्ध करवाया गया.

इसी प्रकार शालापूर्व शिक्षण कार्यक्रम के तहत बच्चों के शारीरिक बौद्धिक, भाषा एवं सामाजिक विकास के लिए उनके घर पर ही व्हाट्स ऐप पर ऑनलाइन माध्यम से बच्चों से सम्बंधित गतिविधियों को भी करवाया जा रहा है ताकि बच्चे निरंतर रूप से इन गतिविधियों से जुड़े रहें.

डॉ. ऋचा वर्मा ने कहा कि जिला में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, विधवा पुनर्विवाह, मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के तहत इस साल अगस्त तक 37 लाख 63 हजार रुपए खर्च कर 734 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर लाभान्वित किया गया है.

इसके साथ ही बेटी है अनमोल योजना के तहत इस साल 8 लाख 20 हजार रुपए खर्च कर 70 महिलाओं को लाभान्वित किया गया. सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है. कोविड-19 के कारण शिक्षा विभाग की ओर से एमडीएम के तहत राशन के पैसे बच्चों के बैंक खातों में जमा करवाना सुनिश्चित किया जाएगा.

सशक्त महिला योजना, स्किल डिवलपमैंट और माईक्रो उद्यमिता विकास, स्वच्छता पर भी हुई चर्चा

बैठक में सशक्त महिला योजना, स्किल डिवलपमैंट और माइक्रो उद्यमिता विकास, स्वच्छता को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई. डीसी कुल्लू ने सम्बंधित विभागों को जिला में अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाने और उनकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कदम उठाने को कहा. आचार-चटनी जैसे उत्पाद तैयार करने के अलावा स्वयं सहायता समूहों से गाय के गोबर का उपयोग करके दीवे इत्यादि बनाने जैसे कार्यों को प्राथमिकता प्रदान की जाए.

उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए विभाग ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों भी प्रशिक्षण प्रदान करना सुनिश्चित करे. विभागीय अधिकारी आयुष विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर योगा कार्यक्रम को ऑनलाइन शुरू करे ताकि इसका अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके.

बाल संरक्षण इकाई की गतिविधियों की भी की गई समीक्षा

इसके अतिरिक्त जिला बाल संरक्षण इकाई से सम्बंधित गतिविधियों को लेकर भी समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि जिला कुल्लु में चल रहे बाल-बालिका गृहों में रह रहे बच्चों की उचित देखभाल और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच को सुनिश्चित किया जाए. बैठक में बाल-बालिका सुरक्षा योजना पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया.

इसके बाद एक अन्य चाइल्ड लाइन सलाहकार बोर्ड की बैठक भी आयोजित की गई. जिसमें कोविड-19 के दौरान चाइल्ड लाइन की भूमिका पर चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के चलते जिला में आश्रयहीन बच्चों को चाइल्ड केयर संस्थान में ले जाने से पहले उनकी कोरोना जांच को सुनिश्चित किया जाए. बस अडडा, सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों, सरकारी कार्यालयों और पंचायती राज संस्थाओं में आश्रयहीन बच्चों की जानकारी को लेकर बैनर्स, पोस्टरस चिपकाए जाएं.

इस अवसर पर एसडीएम सदर डॉ. अमित गुलेरिया, परियोजना अधिकारी डीआरडीए सुरजीत सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस राज कुमारी, एलडीएम तामा छेरिंग, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र चीमे आर्यन, जिला पंचायत अधिकारी बिमला देवी, जिला संयोजक चाइल्डलाइन सलाहकार बोर्ड शालिनी के अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे.

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