कुल्लू: कुल्लू के शमशी में सोमवार को सशस्त्र सीमा बल शमशी में दीक्षांत परेड समारोह (Convocation ceremony SSB jawans Kullu) का आयोजन किया गया. जिसमें विक्रम सिंह ठाकुर उप महानिरीक्षक केंद्रीकृत प्रशिक्षण केंद्र सशस्त्र सीमा बल सपड़ी और कविता ठाकुर अध्यक्षा संदिशा परिवार केंद्रीकृत प्रशिक्षण केंद्र सशस्त्र सीमा बल सपड़ी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे. इस मौके पर 44 सप्ताह का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने के पश्चात दीक्षांत परेड में 525 प्रशिक्षकों ने सैनिक का दर्जा हासिल किया.
यह सैनिक अब नेपाल और भारत भूटान व अन्य प्रांतों की सीमा पर तैनात किए (Border countries of india) जाएंगे. 44 सप्ताह की निश्चित अवधि के दौरान शिक्षकों के कठोर शारीरिक दक्षता, क्रॉस कंट्री, बीपीईटी, ओबसटैकल हथियारों आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. इसके अलावा इन जवानों को भूमि कला, युद्ध कौशल, कला मैप, रीडिंग, इंटेलिजेंस, सीमा प्रबंधन, कानून संचार, आपदा प्रबंधन, कंप्यूटर, विशेष उपकरण जैसे जीपीएस, मेटल डिटेक्टर, एनबीडी और करेंसी की जांच आदि विषयों पर भी जानकारी दी है.
एसएसबी के उप महानिरीक्षक विक्रम सिंह ने कहा कि सशस्त्र सीमा बल पूर्व में देश की सीमावर्ती इलाकों में जनसंख्या को संगठित करने तथा मुख्य भाग में जोड़ने का कार्य करती थी. भारत नेपाल भूटान की खुली सीमाओं की चौकसी पड़ोसी एवं मित्र राष्ट्र होने के नाते एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. जिसे देखते हुए वर्ष 2001 से सशस्त्र सीमा बल को एक सशस्त्र बल के रूप में भारत-नेपाल सीमा पर एवं वर्ष 2004 से भारत भूटान पर तैनात किया गया. इसके अलावा अनेक राज्यों में सुरक्षा के रूप में भी सशस्त्र सीमा बल की तैनाती (Kullu SSB Parade) की जाती है.
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