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Budh Pradosh Vrat 2023: आज बुध प्रदोष व्रत, बनेंगे 2 शुभ योग, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

इस बार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी का बुध प्रदोष व्रत 3 मई यानी आज बुधवार को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मिलती है सुख-समृद्धि और बीमारियों से मुक्ति. पूजा का शुभ मुहूर्त जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर..

Budh Pradosh Vrat 2023
बुधवार को मनाया जाएगा बुध प्रदोष व्रत
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Published : May 2, 2023, 1:35 PM IST

Updated : May 3, 2023, 6:01 AM IST

कुल्लू: सनातन धर्म में हर मास में शुक्ल और कृष्ण पक्ष में त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत का महत्तव है. ऐसे में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी का व्रत 3 मई यानी आज बुधवार को मनाया जाएगा. इस व्रत को बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों को सुख -समृद्धि का वरदान मिलता हैं. वहीं, भगवान शिव के मंत्रों के जाप से उन्हें असाध्य बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है.

शुरू हो गई प्रदोष: पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 2 मई की रात 11:17 पर हो जाएगी. वहीं, इसका समापन 3 मई की रात 11:49 पर होगा. ऐसे में उदय तिथि के अनुसार बुध प्रदोष व्रत 3 मई को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम के 6:52 से लेकर 9:06 तक रहेगा. वैशाख मास के अंतिम त्रयोदशी के सीन 2 शुभ योग का निर्माण हो रहा है.

इस समय बनेंगे शुभ योग: एक योग सर्वार्थ सिद्धि और दूसरा रवि योग होगा. सुबह 5:39 बजे से शुरू हो गया जो रात 8:56 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. रवि योग रात 8:56 से सुबह 5:08 तक रहेगा. मान्यता के अनुसार इन दोनों योग में भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से मनोकामनाएं तो पूरी होती हैं, बल्कि सभी प्रकार के कष्टों से भी मुक्ति मिलती है.

भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए: आचार्य दीप कुमार ने बताया कि अगर किसी के घर में किसी प्रकार का वास्तु दोष हो तो उन्हें तुलसीदास जी रचित रुद्राष्टकम का पाठ करना चाहिए. वहीं घर की नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए शिवलिंग पर अभिषेक करने के बाद हरि के जल को घर लाकर भगवान शिव के ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए पूरे घर में पवित्र जल का छिड़काव करना चाहिए.

बेल का पेड़ लगाना चाहिए: वहीं, अगर किसी के कार्यों में बहुत अड़चन आती हो या फिर वह रोग से परेशान हो तो बुध प्रदोष के दिन में घर के उत्तर पूर्व या ब्रह्म स्थान में रुद्राभिषेक करने से उन्हें काफी लाभ होगा. आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए घर के बाहर बेल का पेड़ लगाएं और उसे नियमित रूप से जल भी दें. बेल के पेड़ में स्वयं भगवान शिव का वास होता है. ऐसे में बेल के पेड़ के आसपास किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए और ना यह पेड़ सूखना चाहिए.

ये भी पढें: बुध प्रदोष व्रत: संतान सुख की प्राप्ति वाला देवों के देव महादेव का व्रत

कुल्लू: सनातन धर्म में हर मास में शुक्ल और कृष्ण पक्ष में त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत का महत्तव है. ऐसे में वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी का व्रत 3 मई यानी आज बुधवार को मनाया जाएगा. इस व्रत को बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों को सुख -समृद्धि का वरदान मिलता हैं. वहीं, भगवान शिव के मंत्रों के जाप से उन्हें असाध्य बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है.

शुरू हो गई प्रदोष: पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 2 मई की रात 11:17 पर हो जाएगी. वहीं, इसका समापन 3 मई की रात 11:49 पर होगा. ऐसे में उदय तिथि के अनुसार बुध प्रदोष व्रत 3 मई को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम के 6:52 से लेकर 9:06 तक रहेगा. वैशाख मास के अंतिम त्रयोदशी के सीन 2 शुभ योग का निर्माण हो रहा है.

इस समय बनेंगे शुभ योग: एक योग सर्वार्थ सिद्धि और दूसरा रवि योग होगा. सुबह 5:39 बजे से शुरू हो गया जो रात 8:56 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. रवि योग रात 8:56 से सुबह 5:08 तक रहेगा. मान्यता के अनुसार इन दोनों योग में भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से मनोकामनाएं तो पूरी होती हैं, बल्कि सभी प्रकार के कष्टों से भी मुक्ति मिलती है.

भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए: आचार्य दीप कुमार ने बताया कि अगर किसी के घर में किसी प्रकार का वास्तु दोष हो तो उन्हें तुलसीदास जी रचित रुद्राष्टकम का पाठ करना चाहिए. वहीं घर की नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए शिवलिंग पर अभिषेक करने के बाद हरि के जल को घर लाकर भगवान शिव के ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए पूरे घर में पवित्र जल का छिड़काव करना चाहिए.

बेल का पेड़ लगाना चाहिए: वहीं, अगर किसी के कार्यों में बहुत अड़चन आती हो या फिर वह रोग से परेशान हो तो बुध प्रदोष के दिन में घर के उत्तर पूर्व या ब्रह्म स्थान में रुद्राभिषेक करने से उन्हें काफी लाभ होगा. आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए घर के बाहर बेल का पेड़ लगाएं और उसे नियमित रूप से जल भी दें. बेल के पेड़ में स्वयं भगवान शिव का वास होता है. ऐसे में बेल के पेड़ के आसपास किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए और ना यह पेड़ सूखना चाहिए.

ये भी पढें: बुध प्रदोष व्रत: संतान सुख की प्राप्ति वाला देवों के देव महादेव का व्रत

Last Updated : May 3, 2023, 6:01 AM IST
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