लाहौल स्पीतिः लाहौल घाटी में देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक दूरभाष कंपनी बीएसएनएल की सेवाएं बंद होने की कगार पर हैं. लाहौल जैसी दुर्गम घाटी में बेहतर दूरसंचार सेवा मुहैया करने के लिए केंद्र सरकार ने यहां पर करीब एक दर्जन से अधिक दूरभाष केंद्र खोले हैं.
वहीं, 3 जी इंटरनेट सेवा देने के लिए रोहतांग दर्रा होकर मनाली से लाहौल के लिए भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केवल की लाइन भी बिछाई गई है. इन दोनों परियोजनाओं में करोड़ों रुपयों को पानी की तरह बहाया गया है. इसके बावजूद जनजातीय लोगों को टेलीफोन और इंटरनेट की सुविधा नहीं मिल पा रही है.
लाहौल के 12 दूरभाष केंद्र बिना लाइनमैन के चल रहे हैं. कुछ कर्मियों ने वीआरएस ले ली है. जबकि, केलांग में तैनात एक एसडीओ और जेटीओ का भी स्थानांतरण होने वाला है. ऐसे में समूची लाहौल घाटी में बीएसएनएल का जिम्मा महज एक कर्मी के हवाले हो जाएगा.
कबायली क्षेत्र में भारत संचार निगम लिमिटेड के हालात इतने बदतर हो गए हैं कि फील्ड ड्यूटी के लिए निगम के पास खुद का एक वाहन तक नहीं है. ऐसे में टेलीफोन और इंटरनेट चलने की कल्पना भी नहीं की जा सकती. बीएसएनएल के पास मौजूदा हालात से निपटने का कोई प्रबंध नहीं है. बिजली गुल होने की सूरत में दूरसंचार सेवा पूर्ण रूप से ठप हो जाएगी.
केलांग में तैनात विभाग के जेटीओ यशपाल ने कहा कि अधिकांश दूरभाष केंद्रों में लाइनमैन तैनात नहीं हैं. दूरभाष केंद्र चलाने के लिए डीजल भी उपलब्ध नहीं है. बिजली गुल होने की सूरत में पूरा सिस्टम ठप हो जाएगा. स्टाफ न होने दूरसंचार नेटवर्क सुचारु रख पाना चुनौती बन गया है.
ये भी पढ़ेंः चोर ने गला घोंट कर बकरे को मारा...फिर पकड़े जाने के डर से बेड बॉक्स में छुपाया
उदयपुर में एक सप्ताह से बंद है दूरसंचार सेवा
कृषि मंत्री मारकंडा के गृह क्षेत्र उदयपुर में पिछले एक सप्ताह से मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवा ठप पड़ी हुई हैं. हालांकि, उदयपुर-केलांग सड़क भी अभी खुली है. बीएसएनल के फील्ड स्टाफ को लोनिवि अपना वाहन देने को भी तैयार है, लेकिन यहां सबसे बड़ी समस्या कर्मचारियों की कमी है.