कुल्लू: भुंतर स्कूल के शिक्षकों ने चार बच्चे गोद लिए हैं. स्कूल प्रशासन की ओर से उठाए गए इस कदम की हर तरफ खूब प्रशंसा हो रही है. चारों बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर या फिर अन्य किसी कारण से स्कूल छोड़ चुके हैं. चार बच्चों को अब जमा दो कक्षा तक निशुल्क रूप से पढ़ाया जाएगा.
बता दें कि ये पहल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भुंतर के प्रधानाचार्य व यहां तैनात शिक्षकों ने की है. भुतंर स्कूल प्रधानाचार्य और शिक्षकों ने तीन दिनों के अंदर चार ऐसे विद्यार्थियों को स्कूल में दाखिला करवाया है, जो किन्हीं कारणों से छठी, सातवीं व अन्य कक्षाओं से स्कूल छोड़ गए थे. शिक्षकों ने नगमा, नसरीना, उषा और लेखराज को गोद लिया है. अभी तक गोद लिए चार छात्र-छात्राओं को जमा दो तक पढ़ाने का जिम्मा भी स्कूल के शिक्षकों ने उठाया है.
गौरतलब है कि हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिया गया है, लेकिन अभी भी कई ऐसे बच्चे हैं, जो किन्हीं कारणों से पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.
ये भी पढे़ं-कलराज मिश्र बने हिमाचल के 26वें राज्यपाल, आज राजभवन में ली शपथ
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भुंतर के प्रधानाचार्य हेमराज शर्मा ने कहा कि ये मुहिम आगे भी जारी रहेगी. वे खुद भी ऐसे बच्चों की क्षेत्र के गांव-गांव में जाकर तलाश कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिन चार बच्चों को गोद लिया गया है, वे अनुसूचित जाति व मुस्लिम समुदाय से संबंधित हैं, जो किन्हीं कारणों से स्कूल नहीं आ पा रहे थे. ऐसे में उन्होंने खुद स्कूल के अध्यापकों के साथ जाकर इन बच्चें के माता-पिता से बात की और उन्हें समझाकर बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह किया. इस पर बच्चों के अभिभावकों ने भी अपनी हामी भरी है.
प्रिंसीपल ने कहा कि वे ही इन बच्चों को जमा दो तक पढ़ाएंगे और पूरा खर्च उठाएंगे. उन्होंने कहा कि स्कूल में तैनात अर्थशास्त्र के प्रवक्ता मेहर चंद ठाकुर, इतिहास की प्रवक्ता अंजु हाजरी, राजनीति शास्त्र की प्रवक्ता विजय जम्वाल और एक बच्चे को खुद प्रधानाचार्य ने गोद लिया है. उन्होंने कहा कि स्कूल की ये पहल आगे भी जारी रहेगी.
गौर रहे कि जिला प्रशासन की ओर से भी एक सर्वे किया गया था, जिसमें जिला कुल्लू में 19 किशोरियां किन्ही कारणों के चलते शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रही थी. प्रशासन द्वारा भी ऐसी किशोरियों को दोबारा स्कूल लाने के बारे में प्रयास किए जा रहे हैं.
ये भी पढे़ं-प्राइमरी स्कूल बड़ोग की छत गिरी, बड़ा हादसा टला