कुल्लू: हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है. इस बार भाई दूज त्योहार को लेकर लोगों में संशय है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 15 नवंबर यानी आज भाई दूज का त्योहार मनाया जा रहा है. भाई दूज के अवसर पर बहन द्वारा भाई को टीका लगाया जाता है. बहन अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं. वहीं, भाई भी अपनी बहनों का आशीर्वाद लेकर उसकी जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का शुभारंभ 14 नवंबर को दोपहर 2:35 पर होगा और यह तिथि 15 नवंबर को रात 1:45 पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 15 नवंबर को भाई दूज जा रहा है. वहीं, 15 नवंबर को सुबह 10:40 से लेकर दोपहर 12:00 तक भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त बन रहा है.
आचार्य राजकुमार शर्मा का कहना है कि सनातन धर्म में भाई दूज के पर्व को भाई-बहन के बीच प्रेम का प्रतीक माना गया है. इस दिन बहनें अपने भाई को अक्षत और चंदन का तिलक लगाती हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन यमराज और यमुना जी की पूजा करने से जातक के सभी पाप भी नष्ट हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार इस पर्व को सबसे पहले यमुना जी ने शुरू किया था.
धार्मिक मान्यता अनुसार यमुना जी के भाई यमराज को एक दिन अपनी बहन यमुना की काफी याद आ रही थी. तभी वह अचानक से अपनी बहन के घर चले गए. अपने भाई को आता देख बहन काफी खुश हुई और उन्होंने कई तरह के पकवान बनाए. इसके बाद जब वह अपनी बहन से विदा लेकर जाने लगे तो, यमुना जी ने अपने भाई यमराज को तिलक लगाया. साथ ही उन्हें मिठाई और नारियल भेंट किया.
उसके बाद यमराज ने अपनी बहन से कहा कि वह उपहार के रूप में एक वरदान मांग ले. तब यमुना जी ने यमराज से कहा कि आप साल में एक बार मुझसे मिलने जरूर आए. वही यमराज ने भी कहा कि जो भी भाई इस दिन अपनी बहन के घर जाएगा और अपनी बहन से तिलक लगाएगा तो, उसकी उम्र लंबी होगी और यमराज द्वारा दिए गए कष्ट उसे कभी नहीं भोगने होंगे.
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