ETV Bharat / state

इलेक्ट्रिक ऑटो खरीदने का फैसला चालकों पर थोपना गलत, ढालपुर में ऑटो रिक्शा फेडरेशन ने डीसी को सौंपा ज्ञापन

प्रदेश ट्रांसपोर्ट विभाग के द्वारा इलेक्ट्रिक ऑटो लेने का प्रावधान किये जाने पर ऑटो रिक्शा फेडरेशन का कहना है कि प्रदेश में सरकार के द्वारा इलेक्ट्रिक ऑटो को लेकर कई जगह पर ट्रायल भी किया गए, लेकिन पहाड़ी इलाकों में इलेक्ट्रिक ऑटो सवारियों को ढोने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में अब जल्द से परिवहन विभाग की एक बैठक आयोजित की जानी चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

Auto Federation submitted memorandum to Kullu DC
ढालपुर में ऑटो रिक्शा फेडरेशन ने डीसी को सौंपा ज्ञापन
author img

By

Published : Jul 24, 2023, 4:12 PM IST

हिमाचल प्रदेश ऑटो रिक्शा फेडरेशन के चेयरमैन राजकुमार, फेडरेशन के महासचिव संजय कपूर

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक में प्रदेश ट्रांसपोर्ट विभाग के द्वारा पुराने ऑटो के बदले जो नए ऑटो खरीदे जाने हैं. उनमें अब इलेक्ट्रिक ऑटो लेने का प्रावधान किया गया है. जिसके विरोध में हिमाचल प्रदेश ऑटो रिक्शा फेडरेशन के द्वारा ढालपुर में डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग को ज्ञापन सौंपा गया है. वहीं, मांग रखी गई कि इलेक्ट्रिक ऑटो के साथ-साथ पेट्रोल डीजल से चलने वाले ऑटो की भी परमिशन दी जानी चाहिए. प्रतिनिधिमंडल ने डीसी को अवगत करवाया कि अब नए मॉडल के ऑटो बाजार में आए हैं. जिसमें किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है. सरकार की भी इस पर कोई पाबंदी नहीं है और टैक्सियों की परमिशन भी इसी बैठक में दी गई है. ऐसे में ऑटो रिक्शा चालकों पर यह फैसला क्यों थोपा जा रहा है.

अपने निर्णय पर दोबारा विचार करे प्रदेश सरकार: दरअसल, प्रदेश में स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक में प्रदूषण ना हो इसे लेकर इलेक्ट्रिक ऑटो लेने का प्रावधान किया गया है. वहीं, ऑटो रिक्शा फेडरेशन का कहना है कि जो फैसला लिया गया है वह पहाड़ी राज्य के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. ऐसे में प्रदेश सरकार अपने इस निर्णय पर दोबारा से विचार करें, ताकि गरीब ऑटो चालकों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

हिमाचल प्रदेश में 6500 के करीब हैं ऑटो चालक: हिमाचल प्रदेश ऑटो रिक्शा फेडरेशन के चेयरमैन राजकुमार का कहना है कि अब जिला स्तर पर जो आरटीओ के माध्यम से कमेटी बनाई जानी है. उसमें ऑटो रिक्शा फेडरेशन के सदस्यों को भी मेंबर बनाया जाना चाहिए, ताकि ऑटो रिक्शा चालकों के लिए कोई भी चर्चा हो तो उसमें प्रतिनिधि भी अपनी बात को रख सके.

वहीं, फेडरेशन के महासचिव संजय कपूर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 6500 के करीब ऑटो चालक हैं. अगर ऑटो को इलेक्ट्रिक किया जाना है तो टैक्सी को भी इलेक्ट्रिक किया जाना चाहिए. वरना सरकार को यहां की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए ऑटो चालकों को अपनी मर्जी से ऑटो रिक्शा खरीद करने की अनुमति देनी चाहिए. इस दिशा में सरकार को अब जल्द से जल्द विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: Delhi To Jispa के लिए HRTC ने शुरू की लग्जरी बस सेवा, सुहाने सफर में पर्यटक ले सकेंगे कई मनोरम स्थल का आनंद

हिमाचल प्रदेश ऑटो रिक्शा फेडरेशन के चेयरमैन राजकुमार, फेडरेशन के महासचिव संजय कपूर

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक में प्रदेश ट्रांसपोर्ट विभाग के द्वारा पुराने ऑटो के बदले जो नए ऑटो खरीदे जाने हैं. उनमें अब इलेक्ट्रिक ऑटो लेने का प्रावधान किया गया है. जिसके विरोध में हिमाचल प्रदेश ऑटो रिक्शा फेडरेशन के द्वारा ढालपुर में डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग को ज्ञापन सौंपा गया है. वहीं, मांग रखी गई कि इलेक्ट्रिक ऑटो के साथ-साथ पेट्रोल डीजल से चलने वाले ऑटो की भी परमिशन दी जानी चाहिए. प्रतिनिधिमंडल ने डीसी को अवगत करवाया कि अब नए मॉडल के ऑटो बाजार में आए हैं. जिसमें किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता है. सरकार की भी इस पर कोई पाबंदी नहीं है और टैक्सियों की परमिशन भी इसी बैठक में दी गई है. ऐसे में ऑटो रिक्शा चालकों पर यह फैसला क्यों थोपा जा रहा है.

अपने निर्णय पर दोबारा विचार करे प्रदेश सरकार: दरअसल, प्रदेश में स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक में प्रदूषण ना हो इसे लेकर इलेक्ट्रिक ऑटो लेने का प्रावधान किया गया है. वहीं, ऑटो रिक्शा फेडरेशन का कहना है कि जो फैसला लिया गया है वह पहाड़ी राज्य के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है. ऐसे में प्रदेश सरकार अपने इस निर्णय पर दोबारा से विचार करें, ताकि गरीब ऑटो चालकों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

हिमाचल प्रदेश में 6500 के करीब हैं ऑटो चालक: हिमाचल प्रदेश ऑटो रिक्शा फेडरेशन के चेयरमैन राजकुमार का कहना है कि अब जिला स्तर पर जो आरटीओ के माध्यम से कमेटी बनाई जानी है. उसमें ऑटो रिक्शा फेडरेशन के सदस्यों को भी मेंबर बनाया जाना चाहिए, ताकि ऑटो रिक्शा चालकों के लिए कोई भी चर्चा हो तो उसमें प्रतिनिधि भी अपनी बात को रख सके.

वहीं, फेडरेशन के महासचिव संजय कपूर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 6500 के करीब ऑटो चालक हैं. अगर ऑटो को इलेक्ट्रिक किया जाना है तो टैक्सी को भी इलेक्ट्रिक किया जाना चाहिए. वरना सरकार को यहां की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए ऑटो चालकों को अपनी मर्जी से ऑटो रिक्शा खरीद करने की अनुमति देनी चाहिए. इस दिशा में सरकार को अब जल्द से जल्द विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: Delhi To Jispa के लिए HRTC ने शुरू की लग्जरी बस सेवा, सुहाने सफर में पर्यटक ले सकेंगे कई मनोरम स्थल का आनंद

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.