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बारिश से सेब की फ्लावरिंग प्रभावित, गुठलीदार फलों की सेटिंग पर भी असर - apple setting affected due to rain

पिछले दिनों हुई भारी बारिश के कारण घाटी के तापमान में अचानक से कमी आई है. ऐसे में बागवानों का कहना है कि बारिश के कारण सेब की फ्लावरिंग प्रभावित हो सकती है. बागवानों का कहना है कि बारिश के चलते गुठलीदार फलों के सेटिंग पर बारिश का असर पड़ रहा है. (apple setting affected due to rain)

Apple flowering affected due to rain
बारिश से सेब की फ्लावरिंग प्रभावित
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Published : Apr 21, 2023, 4:13 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों में मौसम में भारी बदलाव देखने को मिला है. जहां कुछ दिनों पहले तापमान में भी वृद्धि हुई थी तो वहीं गुठलीदार फलों के लिए यह मौसम अच्छा माना जा रहा था. दो दिनों तक हुई भारी बारिश के चलते जहां घाटी के तापमान में अचानक से कमी आई. वहीं, अब अप्रैल के महीनों में जिला कुल्लू के पहाड़ों में बर्फबारी भी हुई. ऐसे में गुठलीदार फलों की सेटिंग की प्रक्रिया भी इस मौसम के कारण प्रभावित हुई है. घाटी में सेब के पेड़ों में अभी फ्लावरिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अगर आने वाले दिनों में ऐसे ही मौसम ठंडा रहा तो इससे से बागवानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

कुल्लू जिले में हालांकि गुठलीदार फलों की सेटिंग हो चुकी है. ऐसे में अब फलों ने आकार लेना भी शुरू कर दिया है. फलों का आकार अच्छा हो इसके लिए तापमान गर्म होना आवश्यक है, लेकिन भारी बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है. ऐसे में अब आने वाले समय में गुठलीदार फलों का आकार प्रभावित हो सकता है. वहीं, ठंड के साथ-साथ आसमान से ओले भी जमकर बरसे. जिससे फलदार पेड़ों को भी नुकसान हुआ है. जिला कुल्लू के गड़सा, मणिकर्ण, शमशी, बंजार, तीर्थन, आनी में कई जगह पर तेज तूफान के कारण फलदार पेड़ों की टहनियां टूट गई तो वहीं कई छोटे पेड़ भी इसे उखड़ गए. कई जगह पर जहां सेटिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई थी, वहां पर भी ओलों कारण फलों में दाग आ गए हैं.

लोअर किसान एवं बागवान संगठन के अध्यक्ष करतार सिंह गुलेरिया, कुल्लू फल उत्पादक मंडल के अध्यक्ष प्रेम शर्मा, बागबान संजीव उपाध्याय, नीरज ठाकुर का कहना है कि कुछ जगह पर सेब के पेड़ों में फूल आने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ठंड के कारण यह फूल पेड़ों से झड़ने लगे हैं. ऐसे में फ्लावरिंग के दौर में अधिक ठंड सेब की सेहत को खराब कर सकती है. अगर आने वाले दिनों में तापमान सही नहीं हुआ तो इससे आने वाले सेब के सीजन को खासा नुकसान हो सकता है.

Crop affected due to rain in kullu
बारिश और ओलावृष्टि से फसल खराब.

बाजरा के किसान कृष्ण कुमार, दुर्गा सिंह, जोतराम, रोशन ठाकुर का कहना है कि जिला कुल्लू के निचले इलाकों में गेहूं की फसल तैयार हो गई है, लेकिन बारिश के चलते गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा मटर व जौ की फसल भी इससे खासी प्रभावित हुई है. ऐसे में कृषि विभाग को चाहिए कि वह बारिश के कारण हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर उसे सरकार को भेजे. ताकि किसानों को फसल खराब होने का मुआवजा मिल सके.

Crop affected due to rain in kullu
कल्लू जिले में बारिश के कारण फसल प्रभावित.

वही, बागवानी विभाग के उपनिदेशक बीएम चौहान का कहना है कि सेब के पेड़ों में फ्लावरिंग का दौर अभी शुरू ही हुआ है. ऐसे में इस मौसम का सेब के पेड़ों पर अधिक प्रभाव नहीं होगा. वहीं, तेज तूफान के कारण कुछ जगह पर फलदार पेड़ों को नुकसान हुआ है और उसकी रिपोर्ट भी बागवानी विभाग के द्वारा तैयार की जाएगी. बीते सप्ताह भी तेज तूफान के कारण जिला कुल्लू में 85 लाख रुपए के नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजी गई है.

ये भी पढ़ें: Universal Carton for Apple: हिमाचल में अब वजन के हिसाब से बिकेगा सेब, यूनिवर्सल कार्टन को लागू करेगी सरकार

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों में मौसम में भारी बदलाव देखने को मिला है. जहां कुछ दिनों पहले तापमान में भी वृद्धि हुई थी तो वहीं गुठलीदार फलों के लिए यह मौसम अच्छा माना जा रहा था. दो दिनों तक हुई भारी बारिश के चलते जहां घाटी के तापमान में अचानक से कमी आई. वहीं, अब अप्रैल के महीनों में जिला कुल्लू के पहाड़ों में बर्फबारी भी हुई. ऐसे में गुठलीदार फलों की सेटिंग की प्रक्रिया भी इस मौसम के कारण प्रभावित हुई है. घाटी में सेब के पेड़ों में अभी फ्लावरिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अगर आने वाले दिनों में ऐसे ही मौसम ठंडा रहा तो इससे से बागवानों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

कुल्लू जिले में हालांकि गुठलीदार फलों की सेटिंग हो चुकी है. ऐसे में अब फलों ने आकार लेना भी शुरू कर दिया है. फलों का आकार अच्छा हो इसके लिए तापमान गर्म होना आवश्यक है, लेकिन भारी बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है. ऐसे में अब आने वाले समय में गुठलीदार फलों का आकार प्रभावित हो सकता है. वहीं, ठंड के साथ-साथ आसमान से ओले भी जमकर बरसे. जिससे फलदार पेड़ों को भी नुकसान हुआ है. जिला कुल्लू के गड़सा, मणिकर्ण, शमशी, बंजार, तीर्थन, आनी में कई जगह पर तेज तूफान के कारण फलदार पेड़ों की टहनियां टूट गई तो वहीं कई छोटे पेड़ भी इसे उखड़ गए. कई जगह पर जहां सेटिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई थी, वहां पर भी ओलों कारण फलों में दाग आ गए हैं.

लोअर किसान एवं बागवान संगठन के अध्यक्ष करतार सिंह गुलेरिया, कुल्लू फल उत्पादक मंडल के अध्यक्ष प्रेम शर्मा, बागबान संजीव उपाध्याय, नीरज ठाकुर का कहना है कि कुछ जगह पर सेब के पेड़ों में फूल आने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ठंड के कारण यह फूल पेड़ों से झड़ने लगे हैं. ऐसे में फ्लावरिंग के दौर में अधिक ठंड सेब की सेहत को खराब कर सकती है. अगर आने वाले दिनों में तापमान सही नहीं हुआ तो इससे आने वाले सेब के सीजन को खासा नुकसान हो सकता है.

Crop affected due to rain in kullu
बारिश और ओलावृष्टि से फसल खराब.

बाजरा के किसान कृष्ण कुमार, दुर्गा सिंह, जोतराम, रोशन ठाकुर का कहना है कि जिला कुल्लू के निचले इलाकों में गेहूं की फसल तैयार हो गई है, लेकिन बारिश के चलते गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा मटर व जौ की फसल भी इससे खासी प्रभावित हुई है. ऐसे में कृषि विभाग को चाहिए कि वह बारिश के कारण हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर उसे सरकार को भेजे. ताकि किसानों को फसल खराब होने का मुआवजा मिल सके.

Crop affected due to rain in kullu
कल्लू जिले में बारिश के कारण फसल प्रभावित.

वही, बागवानी विभाग के उपनिदेशक बीएम चौहान का कहना है कि सेब के पेड़ों में फ्लावरिंग का दौर अभी शुरू ही हुआ है. ऐसे में इस मौसम का सेब के पेड़ों पर अधिक प्रभाव नहीं होगा. वहीं, तेज तूफान के कारण कुछ जगह पर फलदार पेड़ों को नुकसान हुआ है और उसकी रिपोर्ट भी बागवानी विभाग के द्वारा तैयार की जाएगी. बीते सप्ताह भी तेज तूफान के कारण जिला कुल्लू में 85 लाख रुपए के नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजी गई है.

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