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IPH विभाग में वर्करों की नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप, अभ्यर्थी बोले- अनुभव को किया दरकिनार - allegation iph dept aani recruitment

आनी जल शक्ति विभाग में मल्टी पर्पज वर्कर की भर्ती पर सवालिया निशान लग गए हैं. पिछले कई वर्षों से जल शक्ति विभाग में आउट सोर्स से सेवाएं दे रहें और इस पद का साक्षात्कार देने के बाद बाहर कर दिए गए अभ्यर्थियों ने मल्टी पर्पस वर्कर की नियुक्ति को मापदंडों को दरकिनार कर राजनीतिक दवाब में नियुक्ति करने का भी आरोप लगाया है.

जलशक्ति विभाग आनी
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Published : Oct 29, 2020, 6:39 PM IST

कुल्लू: जिला के आनी विधानसभा क्षेत्र के जल शक्ति विभाग के आनी मंडल के गत महीने हुए मल्टी पर्पस वर्कर की भर्ती पर सवालिया निशान लग गए हैं. पिछले कई वर्षों से जल शक्ति विभाग में आउट सोर्स से सेवाएं दे रहें और इस पद का साक्षात्कार देने के बाद बाहर कर दिए गए अभ्यर्थियों ने मल्टी पर्पज वर्कर की नियुक्ति को मापदंडों को दरकिनार कर राजनीतिक दवाब में नियुक्ति करने का भी आरोप लगाया है.

बता दें आनी में जल शक्ति विभाग में मल्टी पर्पस वर्कर्स के 30 पद भरे जाने थे, जिनके लिए 9 से 15 सितंबर तक 800 लोगों ने साक्षात्कार दिया था. निथर उपतहसील के इंद्र सिंह, राम सिंह और हेमराज का आरोप है कि विभाग ने साक्षात्कार लेने के करीब एक माह से ज्यादा समय तक परिणाम लटका के रखा, जबकि पूरे प्रदेश में परिणाम बहुत पहले घोषित हो चुके थे. साथ ही जब परिणाम आये तो अधिकतर राजनेताओं के चहेते भर्ती हुए हैं.

निथर उपतहसील के इंद्र सिंह, राम सिंह का कहना है कि वे तीन सालों से जलशक्ति विभाग के पंप हाउस में आउट सोर्स कर्मी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उन्होंने उपरोक्त पद के लिए आवेदन किया था और साक्षात्कार भी दिया था. जबकि विभाग की ओर से निर्धारित न्यूनतम योग्यता को भी पूरा किया है.

बावजूद इसके उनके अनुभव को दरकिनार कर उन्हें बाहर कर दिया गया, जबकि बाहर किये जाने का कारण भी नहीं बताया गया. उनका कहना है कि जिस तरह से पहले से ही आउट सोर्स के तौर पर काम कर रहे पंप ऑपरेटरों को आगे जारी रखा गया है. वैसे ही उनके अनुभव के आधार पर उन्हें रखा जाना चाहिए था. लेकिन उनका आरोप है कि राजनेताओं के चहेतों को उनके अनुभव पर तरजीह देकर उनके साथ अन्याय किया गया है.

उन्होंने बताया कि नियुक्त किये गए मल्टी पर्पज वर्करों की योग्यता सहित सभी दस्तावेजों की उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत भी जानकारी मांगी गई है. जिसके आने के बाद दूध का दूध, पानी का पानी होगा और अगर जरूरत पड़ती है तो वे इन नियुक्तियों के खिलाफ प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा कर स्टे भी लेंगे. वहीं, इस बारे में जलशक्ति विभाग के आनी मंडल के अधिशासी अभियंता राज कुमार कौंडल का कहना है कि साक्षात्कार के बाद नियुक्ति के दौरान सभी मापदंडों को ध्यान में रख कर ही अंतिम परिणाम घोषित किया है.

ये भी पढ़ें- आनी में हिमाचल किसान सभा ने की बैठक, राज्य महासचिव ने नए कृषि कानून को बताया किसान विरोधी

कुल्लू: जिला के आनी विधानसभा क्षेत्र के जल शक्ति विभाग के आनी मंडल के गत महीने हुए मल्टी पर्पस वर्कर की भर्ती पर सवालिया निशान लग गए हैं. पिछले कई वर्षों से जल शक्ति विभाग में आउट सोर्स से सेवाएं दे रहें और इस पद का साक्षात्कार देने के बाद बाहर कर दिए गए अभ्यर्थियों ने मल्टी पर्पज वर्कर की नियुक्ति को मापदंडों को दरकिनार कर राजनीतिक दवाब में नियुक्ति करने का भी आरोप लगाया है.

बता दें आनी में जल शक्ति विभाग में मल्टी पर्पस वर्कर्स के 30 पद भरे जाने थे, जिनके लिए 9 से 15 सितंबर तक 800 लोगों ने साक्षात्कार दिया था. निथर उपतहसील के इंद्र सिंह, राम सिंह और हेमराज का आरोप है कि विभाग ने साक्षात्कार लेने के करीब एक माह से ज्यादा समय तक परिणाम लटका के रखा, जबकि पूरे प्रदेश में परिणाम बहुत पहले घोषित हो चुके थे. साथ ही जब परिणाम आये तो अधिकतर राजनेताओं के चहेते भर्ती हुए हैं.

निथर उपतहसील के इंद्र सिंह, राम सिंह का कहना है कि वे तीन सालों से जलशक्ति विभाग के पंप हाउस में आउट सोर्स कर्मी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उन्होंने उपरोक्त पद के लिए आवेदन किया था और साक्षात्कार भी दिया था. जबकि विभाग की ओर से निर्धारित न्यूनतम योग्यता को भी पूरा किया है.

बावजूद इसके उनके अनुभव को दरकिनार कर उन्हें बाहर कर दिया गया, जबकि बाहर किये जाने का कारण भी नहीं बताया गया. उनका कहना है कि जिस तरह से पहले से ही आउट सोर्स के तौर पर काम कर रहे पंप ऑपरेटरों को आगे जारी रखा गया है. वैसे ही उनके अनुभव के आधार पर उन्हें रखा जाना चाहिए था. लेकिन उनका आरोप है कि राजनेताओं के चहेतों को उनके अनुभव पर तरजीह देकर उनके साथ अन्याय किया गया है.

उन्होंने बताया कि नियुक्त किये गए मल्टी पर्पज वर्करों की योग्यता सहित सभी दस्तावेजों की उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत भी जानकारी मांगी गई है. जिसके आने के बाद दूध का दूध, पानी का पानी होगा और अगर जरूरत पड़ती है तो वे इन नियुक्तियों के खिलाफ प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा कर स्टे भी लेंगे. वहीं, इस बारे में जलशक्ति विभाग के आनी मंडल के अधिशासी अभियंता राज कुमार कौंडल का कहना है कि साक्षात्कार के बाद नियुक्ति के दौरान सभी मापदंडों को ध्यान में रख कर ही अंतिम परिणाम घोषित किया है.

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