कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. जिला कुल्लू के चार विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर भी मतदाताओं ने सभी उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद कर दी है. मनाली विधानसभा में अबकी बार कांग्रेस की एकजुटता भाजपा को भारी पड़ सकती है. मनाली विधानसभा क्षेत्र में 74,690 मतदाताओं में से 59,364 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया है, जिनमें 30119 पुरुषों 29245 महिलाओं ने मतदान किया. इस प्रकार मनाली विधानसभा में कुल 79.48 प्रतिशत रहा है. (manali assembly elections) ( Himachal assembly elections 2022)
इन प्रत्याशियों के बीच मुकाबला: मनाली में भाजपा ने तीन बार के विधायक एवं शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर को चुनावी मैदान में उतारा था. तो वहीं, कांग्रेस की ओर से भुवनेश्वर गौड़ चुनावी मैदान में थे. आम आदमी पार्टी की ओर से भी कांग्रेस से नाराज होकर पार्टी में शामिल हुए अनुराग प्रार्थी उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में थे. (BJP candidate Govind Thakur)
मनाली के प्रमुख मुद्दे: मनाली में इस बार टोल प्लाजा, सोलंग नाला का पुल व फोरलेन का मुद्दा प्रमुख रहा है. अबकी बार मनाली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के सभी नेता भी एकजुट नजर आए और इस एकजुटता का फायदा कांग्रेस के उम्मीदवार भुवनेश्वर गौड़ को मिल सकता है. अनुराग प्रार्थी पहले कांग्रेस पार्टी में विभिन्न पदों पर रहे लेकिन पार्टी से नाराज होने के बाद भी आम आदमी पार्टी की शरण में चले गए और उन्होंने भी विधानसभा क्षेत्र के विकास के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है. ऐसे में शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर को इन चुनावों में भुगतना पड़ सकता है.
साल 2017 के चुनावों में भी गोविंद ठाकुर तीसरी बार विधायक बने. इस साल गोविंद सिंह ठाकुर को 27,173 वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी हरि चंद शर्मा को 24,168 मत मिले थे. इस चुनाव में गोविंद सिंह ठाकुर ने 3,005 वोटों से जीत हासिल की थी. सरकार के द्वारा उन्हें पहले वन एवं परिवहन मंत्री का दायित्व सौंपा गया था. लेकिन बाद में उन्हें शिक्षा मंत्री का दायित्व सौंपा गया. ऐसे में बीते 15 सालों से गोविंद ठाकुर ही यहां विधानसभा चुनावों में अपनी पकड़ बनाए हुए हैं.
गोविंद ठाकुर के लिए मुश्किल: शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर को अबकी बार फोरलेन प्रभावितों की नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है. क्योंकि फोरलेन प्रभावितों ने कई बार आंदोलन किया और सरकार के साथ भी वार्ता की. वहीं, सरकार ने फोरलेन प्रभावितों से वार्ता करने के लिए शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर को भी माध्यम बनाया था और 5 सालों तक फोरलेन प्रभावितों को सिर्फ झूठे दिलासे ही मिलते रहे.
ऐसे में नाराज होकर भाजपा से ही संबंध रखने वाले महेंद्र ठाकुर भी आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे. उन्होंने भी फोरलेन प्रभावितों का मुद्दा व टोल प्लाजा का मुद्दा चुनावों में बखूबी उठाया. वहीं, कांग्रेस ने भी सोलंग नाला में पुल बनने के अलावा पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा न देने का आरोप भी भाजपा उम्मीदवार गोविंद ठाकुर पर लगाया है.