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बटसेरी आपदा: सड़क मार्ग बंद होने से ग्रामीणों के नकदी फसल बर्बाद, DC ने दिया आश्वासन

किन्नौर जिले के बटसेरी में हुई प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) के बाद रक्छम व छितकुल पूरी तरह से यातायत सुविधा से कट गया है. बटसेरी हादसे (Batseri Accident) के बाद अभी भी इस जगह पर चट्टानों के गिरने के डर से प्रशासन ने सड़क मार्ग पर ट्रैफिक की आवाजाही फिलहाल पूरी तरह बंद कर दी है. ऐसे में रक्छम और छितकुल ग्रामवासियों की नकदी फसल मटर खेतों में ही सड़ने के कगार पर है.

Cash crop of villagers ruined due to closure of Batseri road
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Published : Jul 30, 2021, 9:34 PM IST

किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला में प्राकृतिक का प्रलय गुजर जाने के बाद किस प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, यह वही जानता है जो इरादा दंश को झेल चुका है. किन्नौर जिले के बटसेरी में हुई प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) के बाद रक्छम व छितकुल पूरी तरह से यातायत सुविधा से कट गया है.

रक्छम और छितकुल के ग्रामवासियों के मुख्य नकदी फसल मटर देश के विभिन्न मंडियों में जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन बटसेरी के पहाड़ी से चट्टान गिरने से 9 पर्यटकों की जान जा चुकी है जिसके बाद प्रशासन ने उक्त सड़क मार्ग (Road) पर यातायत पूरी तरह से बंद कर दिया है.

वीडियो

वहीं, बटसेरी हादसे (Batseri Accident) के बाद अभी भी इस जगह पर चट्टानों के गिरने के डर से प्रशासन ने सड़क मार्ग पर ट्रैफिक की आवाजाही फिलहाल पूरी तरह बंद कर दी है. ऐसे में रक्छम और छितकुल ग्रामवासियों की नकदी फसल मटर खेतों में ही सड़ने के कगार पर है. बहुत से ग्रामीणों ने तो मटर की तुड़ान कर रखा है परंतु सडक मार्ग बंद होने से मटर को बोरियों में ही सड़ाने को मजबूर है.

इस बारे में उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक (Deputy Commissioner Kinnaur Abid Hussain Sadiq) का कहना है कि भूवैज्ञानिक सर्वे कर रहे है और उनकी रिर्पोट आते ही सड़क मार्ग को बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोगों की जान जरूरी है, लेकिन इस के साथ ग्रामीणों के नकदी फसल को भी सड़ने नहीं दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कुछ देर बाद पहुंचेंगे कांगड़ा, कल यहां होंगे कार्यक्रम में शामिल

किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिला में प्राकृतिक का प्रलय गुजर जाने के बाद किस प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, यह वही जानता है जो इरादा दंश को झेल चुका है. किन्नौर जिले के बटसेरी में हुई प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) के बाद रक्छम व छितकुल पूरी तरह से यातायत सुविधा से कट गया है.

रक्छम और छितकुल के ग्रामवासियों के मुख्य नकदी फसल मटर देश के विभिन्न मंडियों में जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन बटसेरी के पहाड़ी से चट्टान गिरने से 9 पर्यटकों की जान जा चुकी है जिसके बाद प्रशासन ने उक्त सड़क मार्ग (Road) पर यातायत पूरी तरह से बंद कर दिया है.

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वहीं, बटसेरी हादसे (Batseri Accident) के बाद अभी भी इस जगह पर चट्टानों के गिरने के डर से प्रशासन ने सड़क मार्ग पर ट्रैफिक की आवाजाही फिलहाल पूरी तरह बंद कर दी है. ऐसे में रक्छम और छितकुल ग्रामवासियों की नकदी फसल मटर खेतों में ही सड़ने के कगार पर है. बहुत से ग्रामीणों ने तो मटर की तुड़ान कर रखा है परंतु सडक मार्ग बंद होने से मटर को बोरियों में ही सड़ाने को मजबूर है.

इस बारे में उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक (Deputy Commissioner Kinnaur Abid Hussain Sadiq) का कहना है कि भूवैज्ञानिक सर्वे कर रहे है और उनकी रिर्पोट आते ही सड़क मार्ग को बहाल कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोगों की जान जरूरी है, लेकिन इस के साथ ग्रामीणों के नकदी फसल को भी सड़ने नहीं दिया जाएगा.

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