किन्नौर: जिला के स्कूली छात्रों को पिछले कई वर्षों से शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ाई में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पहली कक्षा से पांचवी कक्षा तक के 181 स्कूलों में अध्यापक के पद पूरे हो चुके है, लेकिन उपशिक्षा मिडल स्कूल के 34 स्कूल में 75 शिक्षकों के पद खाली पड़े हुए है. मुख्य अध्यापकों के 16 पद भी अब तक खाली पड़े है.
स्थानीय लोग अध्यापकों के खाली पद से काफी नाराज है. लोगों का कहना है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते उन्हें मजबूरन अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए बाहरी क्षेत्रों में भेजना पड़ता है. सरकारी स्कूल में सैकड़ों अध्यापकों के पद खाली होने से बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है जिसकी ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए.
वहीं, प्रारंभिक शिक्षा के उपनिदेशक नरेश गुप्ता ने कहा कि किन्नौर में लोगों को अपने बच्चों को ग्रामीण क्षेत्रों में ही पढ़ाना पड़ता है ऐसे में ग्रामीण स्कूलों में अबतक शिक्षकों के काफी पद खाली है. उन्होंने कहा कि किन्नौर के 34 मिडल स्कूलो में शिक्षकों में नॉन मेडिकल के 22 पद, टीजीटी आर्ट्स 7 पद, मेडिकल के 7 पद, शास्त्री के 13 पद, डीएम के 3 पद, पीटी के 19 पद, एलटी के 4 पद खाली पड़े हुए हैं, जिससे स्कूल के छात्रों की पढ़ाई में भी समस्याएं आ रही है.
वहीं, दूसरी ओर उपशिक्षा निदेशक पदम बिष्ट का कहना है कि किन्नौर में उपशिक्षा विभाग के तहत आने वाले सभी स्कूलों में शिक्षकों के 72 पद खाली हैं और 16 मुख्य अध्यापकों के पद खाली चल रहे हैं जिसके चलते विद्यार्थियों को पढ़ाई में काफी समस्याएं आ रही है.
ये भी पढे़ं: मंडी में फिर सामने आया घरेलू हिंसा का मामला, पत्नी ने पति पर लगाए गंभीर आरोप