किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के मुख्यालय रिकांगपिओ में एकमात्र बड़ा खेल मैदान है. इस खेल मैदान के समीप पुलिस लाइन और पुलिस एमिनेशन डिपो है. पिछले दो सालों से पुलिस विभाग की ओर से खिलाड़ियों को मैदान में खेलने से रोका जा रहा है. इस खेल मैदान का उद्धाटन 3 नवंबर 2018 को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया था और इस पर मैदान पर खेल विभाग ने ढाई करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की है.
किन्नौर विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस खेल मैदान में किन्नौर पुलिस को खिलाड़ियों को खेलने से रोकने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि यह मैदान पुलिस विभाग का नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मैदान का काम उन्होंने पिछली सरकार में करवाया था और मैदान के आसपास पुलिस का कुछ नुकसान हुआ था, जिसकी भरपाई कर दी गयी है.
विधायक ने कहा कि पुलिस ने मैदान पर जबरजस्ती कब्जा करके रखा है और किन्नौर बीजेपी के नेता व प्रदेश सरकार किन्नौर के युवा खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खेल रही है. उन्होंने कहा कि इस मैदान का उद्धाटन मुख्यमंत्री ने खेल मैदान के रूप में किया है. उन्होंने कहा कि मैदान की देखरेख से लेकर मैदान के प्रबंधन में खेल विभाग ने करोड़ों की धनराशि खर्च की है और कागजों में भी मैदान खेल विभाग का ही है. इसके बाद भी बीजेपी के शासन में मनमर्जी के काम किए जा रहे हैं.
जगत सिंह नेगी ने कहा कि जिला किन्नौर में खेल मैदान की परेशानियों को देखते हुए कांग्रेस की सरकार के समय उन्होंने इस मैदान के निर्माण का काम शुरू किया था. उन्होंने कहा कि खेल मैदान लगभग बनकर तैयार होने के वक्त चुनावों के दिन सामने आ गए थे और बाजेपी की सरकार बनने पर खिलाड़ियों को मैदान में खेलने से रोका जाने लगा.
नेगी ने कहा कि प्रशासन और बीजेपी के नेता खिलाड़ियों के भविष्य को छोड़ तमाशा देख रही है. नेगी ने कहा कि समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वह न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे.
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