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किन्नौर में शून्य तापमान के बीच मनाया गया लोसर उत्सव, पारंपरिक वेशभूषा में किया नृत्य

किन्नौर में इन दिनों जिला वासियों द्वारा लोसर उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. लोसर उत्सव में जिलावासी अपनी पारंपरिक वेशभूषा पहनकर स्थानीय देवी-देवताओं के समक्ष नृत्य कर उन्हें खुश करते हैं और वर्षभर के लिए सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. (Losar fair in Kinnaur)

Losar fair in Kinnaur.
किन्नौर में लोसर उत्सव.
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Published : Dec 26, 2022, 5:02 PM IST

किन्नौर में लोसर उत्सव.

किन्नौर: जिला किन्नौर में इन दिनों तापमान शून्य से नीचे चला हुआ है और ऐसे में इस कड़कड़ाती ठंड के मध्य लोग लोसर यानी नववर्ष उत्सव मना रहे हैं. जिले के पूह खंड के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग तिथि अनुसार इस उत्सव को मनाया जा रहा है. जिले के हारंगरंग घाटी, रोपा घाटी, पूह, मूरंग, ठंगी, रारंग, जंगी, रिस्पा, आसरंग, लिप्पा में नववर्ष को लोसर उत्सव मनाया जा रहा है. (Losar fair in Kinnaur) (People celebrate Losar fair in Kinnaur) (Traditional dance of Kinnaur)

किन्नौर जिले की पहाड़ियों पर बर्फबारी के बाद ठंड बढ़ गई है. हड्डी जमा देने वाली इस ठंड में भी लोग अपने संस्कृति को कायम रखते हुए लोसर उत्सव को धूमधाम से मना रहे हैं. जिले के ऊपरी क्षेत्रों में नववर्ष का उत्सव दिसंबर महीने के अंत तक चलता है. जिसके बाद कुछेक क्षेत्रों में यह उत्सव जनवरी महीने में भी मनाया जाता है. इस लोसर उत्सव में लोग स्थानीय देवी देवताओं के पारंपरिक नृत्य कर उन्हें खुश करते हैं और वर्षभर अच्छी फसल, सुख समृद्धि की कामना भी करते हैं.

किन्नौर जिले की ये संस्कृति और परंपरा इसे पूरे देश से अलग बनाए हुए है. जहां लोग अपनी संस्कृति को संजोए रखने के लिए एकजुट हो जाते हैं. खासकर किन्नौर के लोसर उत्सव में बाहरी इलाकों में नौकरी करने वाले व पढ़ने वाले बच्चे भी अपने ग्रामीण क्षेत्रों मे लौटकर आते हैं और अपनी पारंपरिक वेशभूषा पहनकर लोसर उत्सव को मनाते हैं.

ये भी पढ़ें: शिमला में धूमधाम से मनाया गया क्रिसमस, क्राइस्ट चर्च में हुई विशेष प्रार्थना

किन्नौर में लोसर उत्सव.

किन्नौर: जिला किन्नौर में इन दिनों तापमान शून्य से नीचे चला हुआ है और ऐसे में इस कड़कड़ाती ठंड के मध्य लोग लोसर यानी नववर्ष उत्सव मना रहे हैं. जिले के पूह खंड के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग तिथि अनुसार इस उत्सव को मनाया जा रहा है. जिले के हारंगरंग घाटी, रोपा घाटी, पूह, मूरंग, ठंगी, रारंग, जंगी, रिस्पा, आसरंग, लिप्पा में नववर्ष को लोसर उत्सव मनाया जा रहा है. (Losar fair in Kinnaur) (People celebrate Losar fair in Kinnaur) (Traditional dance of Kinnaur)

किन्नौर जिले की पहाड़ियों पर बर्फबारी के बाद ठंड बढ़ गई है. हड्डी जमा देने वाली इस ठंड में भी लोग अपने संस्कृति को कायम रखते हुए लोसर उत्सव को धूमधाम से मना रहे हैं. जिले के ऊपरी क्षेत्रों में नववर्ष का उत्सव दिसंबर महीने के अंत तक चलता है. जिसके बाद कुछेक क्षेत्रों में यह उत्सव जनवरी महीने में भी मनाया जाता है. इस लोसर उत्सव में लोग स्थानीय देवी देवताओं के पारंपरिक नृत्य कर उन्हें खुश करते हैं और वर्षभर अच्छी फसल, सुख समृद्धि की कामना भी करते हैं.

किन्नौर जिले की ये संस्कृति और परंपरा इसे पूरे देश से अलग बनाए हुए है. जहां लोग अपनी संस्कृति को संजोए रखने के लिए एकजुट हो जाते हैं. खासकर किन्नौर के लोसर उत्सव में बाहरी इलाकों में नौकरी करने वाले व पढ़ने वाले बच्चे भी अपने ग्रामीण क्षेत्रों मे लौटकर आते हैं और अपनी पारंपरिक वेशभूषा पहनकर लोसर उत्सव को मनाते हैं.

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