किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने शनिवार को पूह खण्ड के तहत स्पिलो में एक जनसभा को सम्बोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि किन्नौर में प्रदेश सरकार बा-बार नौतोड़ भूमि पर बार-बार अड़ंगा लगा रही है. जिला किन्नौर में नौतोड़ भूमि के 7 हजार से ज्यादा मामले सरकारी कार्यालयों की फाइलों में दबे हुए हैं.
जगत सिंह नेगी ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय जनजातीय जिला किन्नौर में 37 लोगों को नोतोड़ भूमि दी गई. 5 सौ से अधिक लोगों को पट्टे बांटे गए. वहीं, 7 हजार लोगों के ज्वाइंट इंस्पेक्शन किये गए थे. 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद 7 हजार लोगों के नौतोड़ भूमि संबंधी मामले फाइलों में दबाए गए हैं, जबकि वन विभाग की तरफ से डीएफओ ने एनओसी जारी कर दी है. बावजूद इसके सरकार ने किन्नौर में पात्र लोगों को नौतोड़ से वंचित रखा है.
विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार से इस विषय पर की गई बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट की मनाही का हवाला दिया. विधानसभा में दो बार इस विषय को उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान उठाया है. नोतोड़ भूमि से सम्बंधित सुप्रीम कोर्ट के नियम व कानून को दो वर्ष बाद टीएसी की बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया. मुख्यमंत्री ने भी अब नोतोड़ पर लगे प्रतिबन्ध पर विचार विमर्श के लिए हामी भरी है. जिससे किन्नौर के भूमिहीन लोगों को अब जल्द ही नोतोड़ भूमि मिलने की प्रक्रिया में गति मिल सकती है.
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