किन्नौर: जिला किन्नौर के चौरा पुलिस चैक पोस्ट पर चंडीगढ़ रेफर मरीज को लंबे समय तक रोकने पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं. 75 वर्षीय पूर्व सैनिक को झाकड़ी के आर्मी अस्पताल से चंडीगढ़ फोर्टिज रेफर किया गया था, लेकिन जब गाड़ी बैरियर पर पहुंची तो वहां तैनात पुलिस अधिकारी ने मरीज को आगे जाने से रोक दिया. वहीं, किन्नौर विधायक जगत सिंह नेगी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई है.
मरीज के तीमारदार ने पुलिस को बैरियर पर मामले से संबंधित सभी दस्तावेज भी दिखाए. बावजूद इसके मौके पर तैनात पुलिस अधिकारी व जवानों ने सरकार की गाइडलाइंस का हवाला देकर झाकड़ी चिकित्सालय के डॉक्टर और सेना के उच्च अधिकारी की मोहर को नाकाफी ठहराया. पुलिस कर्मियों ने प्रशासन द्वारा जारी ई पास के बिना आगे जाने की अनुमति नहीं दी. इस दौरान तीमारदारों को वाहन का चालान काटने की धमकी भी दी गई.
मामले पर किन्नौर विधायक जगत सिंह नेगी ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि एसे केस में सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार किसी व्यक्ति को ई पास की जरूरत नहीं होती. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सिर्फ मरीज की चिकित्सालय की पर्ची व दूसरे दस्तावेजों को देखकर उन्हें मौके से छोड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि एक पूर्व सैनिक के साथ चौरा बैरियर पर बीमारी की हालत में इस तरह की घटना अशोभनीय है जो पुलिस अधिकारियों की मानवता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाती है. ऐसे वक्त में कई घंटे तक मरीज को तड़पते हुए वाहन रोककर रखना गलत है. नेगी ने कहा कि मामले को लेकर अधिकारी पर भी जांच होनी चाहिए.
बता दें कि किन्नौर प्रवेश द्वार चौरा पर बीते कल मंगलवार को 75 वर्षीय पूर्व सैनिक को झाकड़ी सैनिक अस्पताल से चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया था. इस दौरान जब दो तीमारदार बुजुर्ग को लेकर चौरा बैरियर पहुंचे तो बैरियर पर तैनात पुलिस ने उन लोगों को तीन घंटे बेरियर पर पूछताछ की. इस दौरान अस्पताल द्वारा जारी दस्तावेजों को नाकाफी बताते हुए पुलिस ने ई पास के बिना गाड़ी को आगे नहीं जाने दिया. मामले में साढ़े तीन घंटे बाद डीएम किन्नौर ने ई पास जारी किया, जिसके बाद गाड़ी को आगे जाने दिया गया.
ये भी पढ़ें: कोविड-19: सिरमौर में वर्दी वाले 'देवदूत', 160 KM का सफर कर मरीज को पहुंचाई दवाई