किन्नौर: जिला किन्नौर पिछले 5 दिनों से दुनिया से कटा हुआ है. पूरे जिले में 5 दिनों से खाने के सामान की सप्लाई नहीं पहुंच पाई है. वहीं, स्थानीय प्रशासन सेब और मटर की फसल को बाजार तक पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर स्पेन जुटा हुआ है. वहीं, राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज जिला किन्नौर के निगुलसरी में बंद राष्ट्रीय उच्च मार्ग-05 पर सड़क बहाली के कार्य का निरीक्षण किया और सड़क बहाली कार्य की प्रगति की समीक्षा की.
राजस्व मंत्री ने बंद मार्ग के दोनों छोर पर सड़क बहाली के कार्य की प्रगति का जायजा लिया और करीब 400 मीटर तक सड़क से मलबा हटाया गया है और 50 मीटर की सड़क पर चट्टान निकलने के बाद अब ब्लास्टिंग करने का काम किया जा रहा है. इस मौके पर राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि यह मार्ग जिला किन्नौर की जीवन रेखा है.
उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर के मटर और सेब की फसलों को फल मंडियों तक पहुंचाने के लिए सड़क बहाली का कार्य शीघ्र पूर्ण करना आवश्यक है और इसलिए वह स्वयं बहाली के कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं और मौके पर एक स्पेन भी स्थापित किया है, ताकि आपात परिस्थिति में सेब व मटर की फसल को स्पेन के माध्यम से निकाला जा सके.
बता दें कि जिला किन्नौर के लोगों की आय का मुख्य साधन सेब की फसल है और बागवानों को उनकी सेब और अन्य नकदी फसलों को मंडी तक पहुंचाने में किसी प्रकार की बाधा न हो इसके लिए मंत्री जगत सिंह नेगी अवरुद्ध हुए राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर उपस्थित हैं और सड़क बहाली के कार्य का निरीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने जिले के किसानों व बागवानों को आश्वस्त किया कि उनकी नकदी फसलों को मंडी तक पहुंचाने के लिए शीघ्र ही सड़क बहाली का कार्य पूर्ण कर दिया जाएगा.
फिलहाल इस मार्ग के बंद होने के बाद बागवानों व किसानों ने अपनी सेब की फसल को मंडी तक पहुंचाने के लिए वाया काजा सड़क मार्ग होते हुए मनाली की ओर भेजा जा रहा है और एसडीएम काजा व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना भी मंत्री जगत सिंह नेगी ने दे दी है. वहीं, प्रशासन निगुलसारी समीप NH-5 को 3 दिनों के अंदर बहाल करने के लिए प्रयास कर रहा है, ताकि लोगों को परेशानी न हो. इसके अलावा मरीजों को आपात परिस्थिति में पैदल मार्ग से ले जाने का काम किया जा रहा है और कुछ मरीजों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी रिकांगपिओ से शिमला रवाना किया गया है. वहीं, भारत और तिब्बत को जोड़ने वाले शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे-5 के बंद होने से किन्नौर जिले की जनता परेशान है.