किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के प्रसिद्ध किन्नर कैलाश पंच केलाशों में से एक है. जिसे भगवान शिव का शीतकालीन निवास स्थान भी कहा जाता है. हर साल दुनियाभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु किन्नर कैलाश के दर्शन के लिए प्रशासन के तय समयानुसार आते है, लेकिन कुछ श्रद्धालु गुपचुप तरीके से किन्नर कैलाश की यात्रा करने का काम करते हैं. ऐसे में एसपी किन्नौर विवेक चेहल ने लोगों को गुपचुप तरीके से किन्नर कैलाश की यात्रा करने से परहेज करने को कहा है.
किन्नौर जिले में किन्नर कैलाश की यात्रा के लिए हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. मौसम और रास्ते को देखते हुए प्रशासन किन्नर कैलाश की यात्रा की अनुमति देता है, जिसके बाद यात्रा शुरू होती है, लेकिन देखा गया है कि कई बार लोग गुपचुप तरीके से बिना अनुमति के किन्नर कैलाश की यात्रा पर निकल जाते हैं. जिसकी वजह से वह पहाड़ों पर बर्फबारी सहित अन्य आपदाओं मे फंस जाते हैं, जिसमें कई लोगों की मौत भी हो जाती है.
एसपी किन्नौर विवेक चेहल ने कहा किन्नर कैलाश की यात्रा को फिलहाल प्रशासन ने प्रतिबंध किया है. क्योंकि किन्नर कैलाश की पहाड़ियों पर बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है. कैलाश के आसपास नालों मे ग्लेशियर भी गिरे हुए है. लिहाजा नालों में ग्लेशियर के अलावा पहाड़ों से पत्थरों के गिरने का खतरा बना हुआ है. जिसमें लोगों के जान माल का नुकसान हो सकता है.
ऐसे में उन्होंने श्रदालुओं को किन्नर कैलाश की यात्रा तब तक नहीं करने की सलाह दी है, जबतक प्रशासन की ओर से और कैलाश के यात्रा के प्रमुख द्वार पोवारी तांगलिंग गांव के स्थानीय कमेटी की ओर से नोटिफिकेशन नहीं जारी की जाती है. इसके बाद ही इस यात्रा को करने की अनुमति प्रशासन देगा.
उन्होंने कहा यदि कोई गुपचुप तरीके से किन्नर कैलाश की यात्रा करता है तो, ऐसी परिस्थिति में किन्नौर पुलिस बिना अनुमति के किन्नर कैलाश यात्रा पर जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाएगा. बता दें कि किन्नर कैलाश की यात्रा प्रशासन मौसम के मिजाज को देखते हुए जुलाई और अगस्त महीने के आसपास खोलता है. प्रशासन व स्थानीय ग्राम कमेटी के निगरानी मे इस यात्रा को शुरू और समापन किया जाता है.
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