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किन्नौर के रिकांगपिओ में बर्फबारी, तापमान में आई भारी गिरावट - power cut in kinnaur

अप्रैल महीने में किन्नौर के रिकांगपिओ में बर्फबारी होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. बार्फबारी होने से एक ओर तापमान में गिरावट आई है. वहीं, दूसरी ओर बर्फ के मोटे-मोटे फाहे गिरने से वाहनों की आवाजाही थम गई है. ऐसे में लोग कापी परेशान नजर आ रहे हैं.

heavy snowfall in kinnaur
किन्नौर के रिकांगपिओ में बर्फबारी
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Published : Apr 21, 2021, 7:40 PM IST

Updated : Apr 21, 2021, 9:26 PM IST

किन्नौर: जिला किन्नौर में दो दिनों से मौसम खराब बना हुआ था जिसके चलते क्षेत्र के निचले हिस्सों में बारिश व ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी हुई थी, लेकिन तापमान शून्य के बाद अब जिला के सभी निचले क्षेत्रों में अब बर्फबारी के दौर शुरू हुआ है. जिसके चलते जिला के बागवानों के सभी नकदी फसलों को खतरा हो सकता है.

heavy snowfall in reckong peo
किन्नौर के रिकांगपिओ में बर्फबारी.

अप्रैल में बर्फबारी से लोग परेशान

जिला किन्नौर में इस वर्ष बर्फबारी बहुत कम हुई थी लेकिन अप्रैल माह में बर्फबारी से लोगों को अब चिंता सताने लगी है क्योंकि अप्रैल माह में लोगों के मटर, राजमा, सेब व कई अन्य नकदी फसल प्रथम चरण में होती है. ऐसे में बर्फबारी से इन नकदी फसलों के खराब होने की पूरी संभावना रहती है. जिला के निचले क्षेत्रों में बर्फ के मोटे-मोटे फाहे गिरने से जहां एक ओर वाहनों की आवाजाही थम गई है वहीं, पावर कट से भी लोगों को परेशानी हो रही है.

वीडियो.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की कटेगी सैलरी, कोविड फंड में जाएगा पैसा

ग्लेशियर गिरने का खतरा बढ़ा

बता दें कि बर्फबारी से जिला के दुर्घम क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क भी चला गया है और लोगों से सम्पर्क करना भी मुश्किल हो चुका है. वहीं, जिला के नदी नालों में ग्लेशियर गिरने का खतरा भी बढ़ गया है और पहाड़ों से चट्टानों के गिरने का सिलसिला जारी है और पंगी नाला समीप पहाड़ों से मलवा गिरने की सूचना भी मिली है. वहीं, एसडीएम कल्पा अवनींद्र शर्मा ने पर्यटकों को अपने ठहराव स्थल से बाहर न निकलने की अपील भी की है.

ये भी पढ़ें: धर्मशाला में T-20 वर्ल्ड कप का मैच होने की उम्मीदें बढ़ी, BCCI ने ICC को भेजा नाम

किन्नौर: जिला किन्नौर में दो दिनों से मौसम खराब बना हुआ था जिसके चलते क्षेत्र के निचले हिस्सों में बारिश व ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी हुई थी, लेकिन तापमान शून्य के बाद अब जिला के सभी निचले क्षेत्रों में अब बर्फबारी के दौर शुरू हुआ है. जिसके चलते जिला के बागवानों के सभी नकदी फसलों को खतरा हो सकता है.

heavy snowfall in reckong peo
किन्नौर के रिकांगपिओ में बर्फबारी.

अप्रैल में बर्फबारी से लोग परेशान

जिला किन्नौर में इस वर्ष बर्फबारी बहुत कम हुई थी लेकिन अप्रैल माह में बर्फबारी से लोगों को अब चिंता सताने लगी है क्योंकि अप्रैल माह में लोगों के मटर, राजमा, सेब व कई अन्य नकदी फसल प्रथम चरण में होती है. ऐसे में बर्फबारी से इन नकदी फसलों के खराब होने की पूरी संभावना रहती है. जिला के निचले क्षेत्रों में बर्फ के मोटे-मोटे फाहे गिरने से जहां एक ओर वाहनों की आवाजाही थम गई है वहीं, पावर कट से भी लोगों को परेशानी हो रही है.

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ग्लेशियर गिरने का खतरा बढ़ा

बता दें कि बर्फबारी से जिला के दुर्घम क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क भी चला गया है और लोगों से सम्पर्क करना भी मुश्किल हो चुका है. वहीं, जिला के नदी नालों में ग्लेशियर गिरने का खतरा भी बढ़ गया है और पहाड़ों से चट्टानों के गिरने का सिलसिला जारी है और पंगी नाला समीप पहाड़ों से मलवा गिरने की सूचना भी मिली है. वहीं, एसडीएम कल्पा अवनींद्र शर्मा ने पर्यटकों को अपने ठहराव स्थल से बाहर न निकलने की अपील भी की है.

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Last Updated : Apr 21, 2021, 9:26 PM IST
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