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किन्नौर में बर्फबारी से सेब के पेड़ों पर जमा बर्फ, टूट रही टहनियां - Gardeners facing problem due to snowfall in Kinnaur

किन्नौर में बर्फबारी ने अब सेब बागवानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पहले हुई बर्फबारी सेब के लिए वरदान मानी जा रही थी,लेकिन अब ताजा बर्फबारी से पेड़ों की टहनियां टूटने का खतरा बना हुआ है.पेड़ों पर बर्फ जमने के कारण बागवानों को बर्फ हटाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Gardeners facing problem due to snowfall in Kinnaur
किन्नौर में बर्फबारी से सेब के पेड़ों पर जमा बर्फ,टूट रही टहनियां
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Published : Jan 12, 2020, 12:53 PM IST

किन्नौर: जिले में पिछले दिनों हुई बर्फभारी के बाद एक बार फिर से बर्फबारी शुरू हो गई है. ऐसे में बागवानों को कभी खुशी कभी गम मिल रहा है. पिछली बर्फबारी से सेब बागवानों में काफी खुशी थी क्योंकि सेब के बगीचों में नमी के साथ चिलिंग आवर का समय पूरा हुआ था. ताजा बर्फबारी ने बागवानों को चिंता में डाल दिया है.

लगातार बर्फबारी से अब सेब के पेड़ों की टहनियां टूटने की कगार पर हैं. भारी बर्फबारी से सेब के बगीचों में अब बर्फ पेड़ों पर जम गयी है. बर्फ के भारीपन से टहनियां टूट रही हैं. ऐसे में इन दिनों बागवानों ने अभी सेब की कटाई छंटाई भी पूरी तरह नहीं की है. जिससे पेड़ों की टहनियां काफी लंबी है. टहनियों पर बर्फ ज्यादा बैठना खतरे का संकेत माना जा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

बागवानों को अधिक बर्फबारी के दौरान बगीचे में जाकर पेड़ों से बर्फ गिराना भी काफी मुश्किल है. खेतों में अधिक बर्फबारी में चलने फिरने में भी काफी परेशानी आ रही है. वहीं, जिला के ऊपरी क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी से बागवानों के सेब के पेड़ों को नुकसान की भी सूचना है.

ये भी पढ़ें: शिमला में बर्फबारी पर देव आस्था भारी...किन्नौर में मौज मस्ती जिंदगी पर भारी

किन्नौर: जिले में पिछले दिनों हुई बर्फभारी के बाद एक बार फिर से बर्फबारी शुरू हो गई है. ऐसे में बागवानों को कभी खुशी कभी गम मिल रहा है. पिछली बर्फबारी से सेब बागवानों में काफी खुशी थी क्योंकि सेब के बगीचों में नमी के साथ चिलिंग आवर का समय पूरा हुआ था. ताजा बर्फबारी ने बागवानों को चिंता में डाल दिया है.

लगातार बर्फबारी से अब सेब के पेड़ों की टहनियां टूटने की कगार पर हैं. भारी बर्फबारी से सेब के बगीचों में अब बर्फ पेड़ों पर जम गयी है. बर्फ के भारीपन से टहनियां टूट रही हैं. ऐसे में इन दिनों बागवानों ने अभी सेब की कटाई छंटाई भी पूरी तरह नहीं की है. जिससे पेड़ों की टहनियां काफी लंबी है. टहनियों पर बर्फ ज्यादा बैठना खतरे का संकेत माना जा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

बागवानों को अधिक बर्फबारी के दौरान बगीचे में जाकर पेड़ों से बर्फ गिराना भी काफी मुश्किल है. खेतों में अधिक बर्फबारी में चलने फिरने में भी काफी परेशानी आ रही है. वहीं, जिला के ऊपरी क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी से बागवानों के सेब के पेड़ों को नुकसान की भी सूचना है.

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Intro:किन्नौर न्यूज़।

बर्फभारी से सेब बगीचों के टूटने का हुआ खतरा,लगातार बर्फभारी दे रही खतरे को न्योता।

किन्नौर-जिला किन्नौर में पिछले दिनों हुई बर्फभारी के बाद एक बार फिर से बर्फभारी शुरू हुई है और ऐसे में किन्नौर के बागवानों को कभी खुशी कभी गम मिल रही है पिछली बर्फभारी से सेब बागवानों में काफी खुशी थी क्यों कि सेब के बगीचों में नमी के साथ चिलिंग आवर का समय पूरा हुआ था।




Body:लेकिन अब लगातार बर्फभारी ने बागवानों को चिंता में डाल दिया है लगातार बर्फभारी से अब सेब के पेड़ों की तबनिया टूटने की कगार पर है भारी बर्फभारी से सेब के बगीचों में अब बर्फ़ पेड़ो पर बैठ गयी है और बर्फ़ के भारीपन से टहनियां कच्ची होकर टूट रही है और ऐसे में इन दिनों बागवानों ने अभी सेब की कंटाई छंटाई भी पूरी तरह नही की है जिससे पेड़ो की टहनियां काफी लंबी है और ऐसे में टहनियों पर बर्फ़ ज़्यादा बैठ रही है जो खतरे का संकेत है।




Conclusion:किन्नौर के बागवानों को अधिक बर्फभारी के दौरान खेतो में जाकर पेड़ो से बर्फ़ गिरना भी काफी मुश्किल है क्यों कि खेतो में अधिक बर्फभारी में चलने फिरने में भी काफी परेशानी आ रही है वही जिला के ऊपरी क्षेत्रो में अधिक बर्फभारी से बागवानों के सेब के पेड़ों को नुकसान की भी सूचना है।
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