किन्नौर: जिला किन्नौर में अप्रैल महीने में सेब के पेड़ों में पिंक बर्ड आना शुरू होने की कगार पर है, लेकिन पिंक बर्ड से पहले होने वाले कीटनाशक छिड़काव की दवाइयां बाजार में नहीं मिल रही है.
किन्नौर के बारंग गांव के बागवान नारायण सिंह का कहना है कि किन्नौर में एकमात्र नकदी फसल सेब है, लेकिन इस फसल में कीटनाशक छिड़काव के लिए आजकल बाजार के कीटनाशक दुकानों में दवाइयां नहीं मिल रही है. इसके चलते पिंक बर्ड के छिड़काव में देरी हो रही है, जिसका खामियाजा बागवानों को भुगतना पड़ सकता है.
वहीं, दूसरी ओर किन्नौर के कीटनाशक दवाओं के विक्रेता डॉ. सूरत नेगी का कहना है कि प्रशासन ने हर गांव के कीटनाशक छिड़काव के दवाओं के लिए आदेश तो दे दिए, लेकिन जिला के बाहर से कीटनाशक दवाओं के लिए प्रशासन पास की अवधि कम दे रहे हैं. इस कारण कीटनाशक दवाओं को जिला तक पहुंचाने में समस्याएं आ रही है. इसके चलते सेब बागवानों को समय पर इन दवाओं को पहुंचाना मुश्किल हो रहा है.
डीएम किन्नौर गोपालचंद ने कहा कि किन्नौर में कीटनाशक दवाओं की दिक्कत आने पर कीटनाशक दवाओं के विक्रेता को प्रशासन द्वारा जारी वाहनों के पास की अवधि को बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जितने भी वाहन पास बनाए जा रहे हैं सब ऑनलाइन हो चुके हैं. कोई भी समस्या आने पर प्रशासन से भी सम्पर्क कर सकते है.
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