किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर में शिवरात्री से पहले चंडिका मंदिर में मेले की शुरुआत हो गई है. यह मेला शिवरात्रि तक चलेगा. यह मेला शिवरात्रि से 10 या 8 दिन पूर्व होता है. मन्दिर प्रांगण के मध्य बर्फ की शिवलिंग बनाई जाती है. इस शिवलिंग के बाहर से महिलाएं व कारदारगन पारंपरिक वेशभूषा में (कायनग) मेला करते हैं. इस दौरान शिव व माता देवी के गीतों को गाया जाता है.
महिलाएं रात तक मंदिर प्रांगण में माता देवी व भगवान शिव किन्नर कैलाश की स्तुति करती हैं. इस मेले को स्थानीय बोली में (सांतो तोशिम)भी कहा जाता है. बता दें की देवी चंडिका माता साइराग से लेकर रोपा वैली तक की मालकिन मानी जाती है. इसमे करीब 22 गांव आते हैं. इससे पहले लोग शिवरात्रि से पूर्व किन्नर कैलाश की पूजा भी करेंगे और शिवरात्रि से एक दिन पूर्व मंदिर में भीड़ उमड़ती है.
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