किन्नौर: जिला किन्नौर के राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर चोलिंग व टापरी के बीच उरणी ढांक के समीप इनस्टॉल किये गए अर्ली वार्निंग सिस्टम ने फिर से भूस्खलन के संकेत दिए हैं. संकेत मिलने पर प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर एक घंटे के लिए एनएच पर से यातायात को बंद कर दिया गया. प्रशासन द्वारा यातायात को वाया उरणी डायवर्ट किया गया. बता दें कि वीरवार और शुक्रवार की सुबह जिला प्रशासन को (आईआईटी) मंडी से उरणी ढांक से भूस्खलन होने के संकेत मिले थे. (Landslide warning on Urni hills)
एक घंटे के लिए एनएच पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने के बाद लगभग 1 घंटे बाद एनएच को फिर से बहाल कर दिया गया. उरणी ढांक से बार-बार भूस्खलन को लेकर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने भी अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को दे दी है. जिसपर प्रशासन द्वारा उपायुक्त किन्नौर की अध्यक्षता में 16 जनवरी को विशेष रिव्यू मीटिंग रखी गई है. जिसमें एसडीएम निचार, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी भावानगर, एनएच अथॉरिटी व उरणी पंचायत प्रतिनिधि भाग लेंगे. (Early Warning System in Kinnaur )
सहायक आयुक्त किन्नौर राजेंद्र गौतम ने बताया कि उरणी ढांक से बार-बार हो रहे भूस्खलन को लेकर व इसे रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं इस पर आगामी उक्त बैठक में विस्तार से चर्चा की जाएगी. विदित है कि जिले में भूस्खलन के कारण बटसेरी व निगुलसरी में हादसे हो चुके हैं जिससे लगभग 3 दर्जन से अधिक लोगों की जाने भी जा चुकी हैं. (landslides in Urni hills of Kinnaur)
भूस्खलन का समय रहते पता लगाने के लिए जिला किन्नौर प्रशासन द्वारा जिले के अति सवेदनशील 6 भूस्खलन स्थलों निगुलसरी, बटसेरी, पागल नाला, उरणी ढांक, कुप्पा व पुरबनी झूला पर अर्ली वार्निग सिस्टम व लैंड मॉनिटरिंग प्रणाली स्थापित की गई है. ताकि समय पर भूस्खलन होने का पता लग सके और भूस्खलन से होने वाले हादसों से बचा जा सके. (landslides in Urni) (Early Warning System) (Early Warning System in Himachal)
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